
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
Mob.9528727656
अटल बिहारी वाजपेयी और मनोहर पर्रिकर
मुमकिन है
आर एस एस का
हर आदमी देशभक्त नहीं
मुमकिन है
आर एस एस का
हर आदमी स्वार्थ से ऊपर नहीं
यह भी मुमकिन है
आर एस एस का
हर आदमी चरित्र का धनी नहीं
किन्तु यह मुमकिन हरगिज नहीं
आर एस एस का आदमी कोई देशद्रोही हो।
भारत का एक चुनावी दल
कहता खुद को सबसे पुराना और बड़ा
इतिहास गवाह है कि यह दल
कई बार अपनी शैतानी पर अड़ा
आर एस एस को कहा इसने
आतंकवादियों का कुनबा बड़ा
अरे! प्यारे दल कब फूटेगा तेरे पापों का घड़ा।
कश्मीर के जिहादी मुसलमान नेता
पड़ोसी जिहादिस्तान के तालिबानी नेता
देश के अन्य ‘‘प्रकट-अप्रकट’’ जिहादी मुसलमान
क्यों हे दल! सदा ये तेरे लाड़ले रहे
इनके लिए दिलों में तुम्हारे हमदर्दी के भंडार भरे
आर एस एस वालों पर आतंकी होने के प्रहार कड़े
वाह! पुराने दल तेरे देशद्रोही अंदाज खरे।
इसीलिए देशद्रोह वाले कानून
तुझे कतई रास आते नहीं
देशद्रोह का विरोध करने वाले
तुझे कतई भाते नहीं
जब देश ही तेरे मन में नहीं
फिर देशद्रोह कैसे होगा कहीं।
प्यारे दल!
तेरी इसी ‘‘बेहूदा-अव्यवहारिक’’ बददिली के चलते
प्रचंड-देशभक्त सुभाष चन्द्र बोस
तेरे दलदल गत-परिवार से हुआ था अलग
जिसकी गर्जना से काँपती थी हुकूमत-ए-ब्रिटिश
इसीलिए देशप्रेमी आज भी नेता जी को करते हैं मिस
किंतु आज भी‘‘जस के तस’’ है तेरी वही विश।
तेरी अवसरवादी छाँव में खड़े नेता-अभिनेता
कभी अटल जी को
कभी मनोहर पर्रिकर जी को
कंजूसी से ही सही
किंतु बेहिचक कह देते हैं ‘‘अच्छा आदमी’’
झूठ क्यों बोलते हो
कहो इन्हे आतंकवादी
क्योंकि ये आर एस एस के ‘‘जोश’’ थे
समझ गए
ये दोनों देश के कर्मयोगी संत थे
देशप्रेम में मदहोश थे
जो ‘‘बड़ी भावना’’ तुम्हे यकीनन नसीब नहीं।
जय भारत जय जवान जय किसान