
भनसाली झुक जाओ भाई क्यों जिद पर अड़े हो
हकीकत तुम्हारी सामने है तुम चौराहे पे खड़े हो
नहीं इजाजत देता तुमको कि तुम मेरी माँ को नचाओ
अरे समझो असलियत अब तो बाज आ जाओ
खून में इतनी गर्मी है तो औरंगजेब की असलियत दिखाओ
मार बाँध का मुसलमान बनाना यह हकीकत दिखाओ
बताओ दुनिया को सच्चाई कैसे बाबर ने राम मन्दिर तुड़वाया
राम मन्दिर तुड़वाकर उसने भारत का भाल झुकाया
बताओ दुनिया को मुस्लिम आक्रांताओं ने कैसे मन्दिर तोड़े
देवी-देवताओं के बुतों को तोड़कर अपने मस्जिद जोड़े
अकसर बुतों के टुकड़ों को मस्जिदों की सीढ़ियों पर लगाया
देवी देवताओं के टुकड़ों पर कट्टरता का परचम लहराया
भनसाली बताओ दुनिया को हम महाराणा प्रताप के दीवाने
कैसे अकबर के गुरूर को चूर-चूर किया राजपूत महाराणा ने
बनाओ हिम्मत है तो पृथ्वीराज चौहान पर फिल्म बनाओ
मोहम्मद गोरी और मोहम्मद गजनवी के काले कारनामे दिखाओ
बताओ कुतुबमीनार मुस्लिम आक्रांताओं की हम पर थोपी गई गुलामी है
बताओ यह मीनार वहीं खड़े सम्राट चन्द्रगुप्त के अद्भुत लौह स्तम्भ पर लानत लिये खड़ी है
बहुत अकड़ है तुझे कि तू इतिहास का जानकार है
मुसलमान मलिक मोहम्मद जायसी पर भरोसा तूने जताया
माँ पद्मावती को तूने जायसी की मर्जी पर फिल्माया
सही कहा किसी ने तू हिंदुत्व पर कलंक का टीका है
तू सांस्कृतिक मवाली तू सांस्कृतिक गुंडा सरीका है
अब भारत बदल रहा भंसाली
हिन्दुओं के वजूद को चुनौती मत दे
माँ पद्मावती को नचनिया दिखाकर अपनी बर्बादी को दावत मत दे
सुन ले एक माँ के सम्मान के आगे उच्चतम न्यायालय भी कुछ नहीं है
अरे बिकाऊ फिल्म सेन्सर बोर्ड की आड़ में कब तक छिपेगा
राजपूताना के साथ पूरा देश तुझे बाहर खींचेगा
तेरे चीथड़ों से देवी पद्मावती के दिल के जख्मों की सींचेगा।
Virendra dev gaur
chief-editor