देश पर मर-मिटने की
सौगन्ध जो खाएगा
पल भर में नायक बन जाएगा
भारत माँ का सच्चा लाल कहाएगा।
देश के शत्रुओं पर जो
आँखें लाल गड़ाएगा
पल भर में शत्रुओं पर
काल बनकर कहर बरपाएगा
वही लाल भारत माँ का
कार्पोरल ज्योति प्रकाश निराला कहलाएगा।
कश्मीर-पाकिस्तान की सीमा हो
भारत-चीन की सरहद हो
हो चाहे आकाश-पाताल जल-थल
दुश्मन को धूल चटा देंगे
मसल देंगे जैसे खटमल
आज गणतंत्र दिवस पर हम
सौगन्ध भारत माँ के चरणों की खाते हैं
जो भी हमारी सरहदों को लाँघेगा
उसे उसके गुनाह की ऐसी सजा देंगे
सदियों तक याद करोगे हमारा वार
शहीद कार्पोरल ज्योति प्रकाश निराला सा प्रहार।
आतंकी हो
फौजी दुश्मन हो
हो कोई भी भारत माँ का कसूरवार
हमारी माँ पर डालोगे शैतान नजर
रुखसत कर देंगे शैतानों दिखा देंगे उसी पल नर्क का द्वार।
Virendra dev gaur
Chief-editor