देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस
राजनीति के डंडेबाजों की लल्लो-चप्पो में जुटी पुलिस
जनता की सुरक्षा में लाचार पुलिस
अपने तमगे चमकाने में मस्त पुलिस
धत्त पुलिस हठ पुलिस निकम्मी पुलिस।
सुबह के साफ उजाले में
स्कूल की चलती बस रुकवाने में
विरोध-बचाव कर रहे ड्राइवर को गोली से मारने में
नर्सरी के बच्चे को उठाकर ले जाने में
बदमाशों को नहीं कोई हिचक
पुलिस का न कोई डर न खौफ
विवेकानन्द पब्लिक स्कूल की बस पर यह डाका
पुलिस के निकम्मेपन का है खाका
केजरीवाल का अपमान करने में तेरी चुस्ती
जन सुरक्षा में तेरी सुस्ती
अरे ग्रह मंत्री राजनाथ देश के
राजनीति छोड़ दो कुछ दिन कर लो काम
राजनीति का नशा मत उड़ाओ जाम
पूरे देश की पुलिस को मार गया लकवा
पब्लिक बैचैन है देश में राज कर रहा डकुवा।
जानी राजनाथ कल गणतंत्र है
देश के दिल में गुंडा तंत्र है
दिल्ली में जो तेरा पुलिस तंत्र है
लूटखोरी जेब भरो भलों को सताओ इसका मंत्र है
पर फिर भी जय-जय गणतंत्र है।
VIRENDRA DEV GAUR
CHIEF-EDITOR