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अरे पुलिस वालो और आर टी ओ वालो, बच्चों को बचा लो

overloaded school BUS

मेरे शहर में चल रहा मेरी मान
आँख मिचौली का घिनौना खेल
इस में लगी है दाँव पर
स्कूल के मासूम बच्चों की जान
मेरी यह अपील है अफसरान
जो ऑटो-वैन और बस वाले खेल रहे यह घिनौना खेल
इन मदहोशों के होश ठिकाने लाने को
एक-एक कर पहुँचाओ इनको जेल।
बच्चे हमारी शान है
बच्चे हमारी जान
इसलिये इस अपील पर
बंद मत कर लेना अपने कान।
प्याज-आलू रुई गोभी बैंगन भिंडी के बोरों की तरह
स्कूल से लाते-ले जाते समय
ठूँस देते हैं ऑटो-वैन और बस वाले बच्चों को अन्दर
इस कदर बेरुखी से जैसे
चिड़ियाघर के हों जंगली खूँखार बंदर।
जैसे ही इनको पुलिस या आर टी ओ वालों का होता खटका
आधे रास्ते में ही आधे बच्चों को उताकर, देते हैं यह बच्चों का झटका
कैपेसिटी से दो गुना ज्यादा बच्चे ठूँस दिये जाते
बच्चों पर अन्याय कर ये हैं, खुद को बचाते
टायर इनकी वैनों के इस कदर घिसे-पिटे
गीली सड़कों पर बीमार वैनों को तेज दौड़ाते ये अटपटे
कानों में इनके मोबाइल म्यूजिक एयर फोन है ठुँसे पड़े
बच्चे भरे ऑटो-वैन और बस चलाते हुए लहराते हैं ये मुए
हाथो में जैसे स्टियरिगं न होकर मुरलीधर की मुरली हो
अरे पुलिसवालो-आर टी ओ वालो इनकी सख्ती से धर पकड़ करो
आन्दोलन और हड़ताल की धमकियों से इनकी हरगिज न डरो
नाजायज मोटी कमाई की बेशर्म चर्बी पर इनकी लट्ठ धरो।
नहीं पुलिस वालो
नहीं आर टी ओ वालो
नहीं लापरवाह माता-पिताओ रखवालो
नहीं स्कूल के बेपरवाह करोड़ों में खेल रहे मालिको
तुम सबके अपने-अपने तर्क और बेहूदा-बहाने हैं
लेकिन बच्चे हमारा भविष्य और देश की धड़कन हैं
आओ टाल-मटोल छोड़कर इस सबसे बड़े मसले को सुलझाएं
स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिये इस बार कारगर कदम उठाएं।

 Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)

 Chief Editor (NWN) 


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