नई दिल्ली, संवाददाता । दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में ईडी की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख दी है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत की पीठ ने केजरीवाल के वकील से पूछा कि अब इस केस में क्या बचा है। इस पर केजरीवाल के वकील ने कहा कि वह अपना जवाब दाखिल करेंगे। इस पर कोर्ट ने ईडी की ओर से सौंपे गए जवाब पर केजरीवाल को जवाब दाखिल करने के लिए मोहलत प्रदान की। इससे पहले, अदालत ने दंडात्मक कार्रवाई से उन्हें अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था।
ईडी के वकील ने अपनी दलील में कहा कि अब इस याचिका का कोई महत्व नहीं रह गया है क्योंकि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ऐसे में उसका हलफनामा इन प्राथमिक मुद्दों पर है कि कैसे यह विषय (अब) महत्वहीन हो गया है। ईडी के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि केजरीवाल ने गिरफ्तारी को एक अलग याचिका में चुनौती दी है। यह अपील अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बता दें कि उक्त याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
इस पीठ में न्यायमूर्ति मनोज जैन भी शामिल रहे। अदालत ने पूछा कि अब इस विषय में क्या बच गया है। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह ईडी के जवाब पर अपना जवाब दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की शुरुआती कार्रवाई कानून (धन शोधन निवारण अधिनियम) के मुताबिक नहीं थी। केजरीवाल ने ईडी की ओर से 9वां समन जारी किए जाने के मद्देनजर हाईकोर्ट का रुख किया था।
इस समन में केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया था। लेकिन इसी दिन शाम में ईडी ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। वह अभी तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का आरोप है कि मामले में अन्य आरोपी शराब नीति तैयार करने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के संपर्क में थे जिसे अब रद्द किया जा चुका है। यह भी आरोप है कि इस नीति के परिणामस्वरूप आरोपियों को फायदा हुआ और इसके बदले में उन्होंने आम आदमी पार्टी को रिश्वत दी थी।
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