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ऑनलाइन डिस्काउंट से ऑफलाइन रिटेलर्स की दिवाली खराब

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नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से दिवाली के मौके पर ऑफलाइन रिटेलर्स की बिक्री काफी कम हो गई है। चार प्रतिष्ठित ऑफलाइन रिटेलर्स ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि मंगलवार से शुरू हुई सेल में ऑनलाइन कंपनियां फैशन प्रॉडक्ट्स पर 40-90 पर्सेंट डिस्काउंट समेत हरेक चीज पर भारी छूट दे रही हैं। इस वजह से ऑफलाइन फैशन और ऑफलाइन रिटेलर्स के लिए दिवाली का अहम मौका भी बिक्री के लिहाज से फीका साबित हो रहा है। अरविंद ब्रांड्स के सीईओ आलोक दूबे का कहना है, आजकल पूरा साल दिवाली जैसा रहता है। कंपनी के ब्रैंड्स में यूएस पोलो, गैप, एयरोपोस्टल जैसे नाम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियों के डिस्काउंट की वजह से हमें भी पूरे साल ऑफर देना पड़ता है। पहले हम आमतौर जुलाई-अगस्त और जनवरी के सेल सीजन में डिस्काउंट देते थे। दूबे का कहना है कि फिजिकल स्टोर रिटेलर्स के लिए पीक दिवाली बिजनस घटकर महज दो हफ्ते का हो गया है, जो करीब 5 साल पहले एक महीने का होता था और उस दौरान जमकर बिक्री होती थी। दुबई की लाइफस्टाइल इंटरनैशनल डिपार्टमेंट स्टोर चेन के सीईओ वसंत कुमार का कहना है कि ऑफलाइन रिटेलर्स के लिए दिवाली बिजनस करीब 4-5 साल पहले 25-30 पर्सेंट हुआ करता था, जो अब गिरकर 20 पर्सेंट पर आ गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दिवाली अब भी ऑफलाइन स्टोर्स के लिए आमदनी बढ़ाने का सबसे बड़ा जरिया है। हालांकि, पिछले कुछ साल में उनकी सालाना बिक्री पर इसका योगदान कम हुआ है। कंसल्टिंग फर्म ईवाई के नेशनल लीडर (रिटेल और कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स) पिनाकीरंजन मिश्रा ने बताया, पिछले कुछ वर्षों से उनका दिवाली कारोबार लगातार घट रहा है। अब ग्राहक दिवाली के भरोसे भी नहीं बैठे रहते हैं और दूसरे डिस्काउंट पीरियड के दौरान खरीदारी कर लेते हैं। इस फैक्ट का भी दिवाली सेल्स पर फर्क पड़ता है।  एथनिक कपड़े बेचने वाली फैबइंडिया के सीईओ विनी सिंह भी इससे सहमत हैं। उनका कहना है, रिटेलर्स दूसरे मौकों पर भी डिस्काउंट देकर बिक्री कर लेते हैं। उस दौरान भी आपको प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत होती है। अभी भी दिवाली के दौरान सबसे ज्यादा बिक्री होती है, लेकिन आप एक ही मौके के इंतजार में नहीं रह सकते हैं।  अगर परंपरागत रूप से देखा जाए तो दिवाली कभी भी फैशन और लाइफस्टाइल के लिए डिस्काउंटिंग सीजन नहीं रहा है। ब्रांड्स और रिटेलर्स हमेशा प्रॉडक्ट्स को बाउचर, गिफ्ट कूपन या फिर दो जींस खरीदने पर एक शर्ट मुफ्त जैसी स्कीमों के साथ पूरी कीमत पर बेचते थे। हालांकि, यह ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के भारतीय बाजार में उतरने से पहले की बात है। उन्होंने डीप डिस्काउंट देकर ऑफलाइन ग्राहकों को अपनी तरफ खींच लिया। इसका नतीजा हुआ कि ऑफलाइन रिटेलर्स अपने मुनाफे को काटकर पूरे साल सीमित डिस्काउंट देने लगे और छूट का चक्र पूरे साल चलने लगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिजिकल स्टोर करीब तीन साल पहले औसतन 15 पर्सेंट डिस्काउंट देते थे। यह अब 23 पर्सेंट तक पहुंच चुका है और कुछ ब्रैंड्स तो 30 पर्सेंट तक देने लगे हैं।

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