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भेंट-मुलाकात: मुख्यमंत्री बघेल ने साराडीह में ग्रामीणों से की चर्चा

-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा साराडीह बैराज

-मुख्यमंत्री द्वारा साराडीह बैराज के डूबान क्षेत्र प्रभावितों को वितरित की गई मुआवजा राशि

-मुख्यमंत्री ने शिव मंदिर में की पूजा-अर्चना

-साराडीह में सामुदायिक भवन और ग्राम टूण्ड्री में पुलिस चौकी के निर्माण की घोषणा

-डूबान क्षेत्र के गांवों में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु सर्वे के निर्देश

रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात के लिए नवगठित सक्ती जिले के चंद्रपुर विधानसभा में डभरा विकासखंड के ग्राम साराडीह पहुंचे। यहां उन्होंने महानदी के तट पर स्थित शिव मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, चंद्रपुर विधायक  रामकुमार यादव सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने ग्राम साराडीह में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान कई अहम् घोषणाएं की। साराडीह बैराज में पर्यटन स्थल का विकास, साराडीह में सामुदायिक भवन का निर्माण, साराडीह में राम निषाद के घर से मांझा खोल तक सीसी रोड निर्माण, चंद्रपुर में नया थाना भवन का होगा निर्माण, चंद्रपुर में पर्यटन स्थल का विकास-मरीन ड्राइव का दिया जाएगा स्वरूप, ग्राम टूंड्री में पुलिस चौकी निर्माण, ग्राम सिरियागढ़ के शासकीय हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नत किया जाएगा। इसके अलावा सकराली में ३३/११ केवी सब स्टेशन का निर्माण, ग्राम साराडीह में विद्युत लाइन विस्तार, डभरा शासकीय कॉलेज रोड का निर्माण करने की घोषणाएं की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने साराडीह बैराज के डूबान क्षेत्र के १२ प्रभावितों को ३ करोड़ ५४ लाख ७४ हजार रुपए की राशि का चेक वितरित किया। मुख्यमंत्री  बघेल ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप पहली बार मैं साराडीह आया हूं। प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद प्रत्येक वर्ग के लिए योजनाएं बनाई गई। ये योजनाएं जमीनी स्तर पर सही मायने में क्रियान्वित हो रही है कि नहीं, ये देखने जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों को लेकर मैं यहां आया हूं। हमारी सरकार किसानों की, गरीबों, मजदूरों की सरकार है। हमें सबसे पहले किसानों के ऋण माफी का फैसला लिया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को फसलों की सही कीमत मिल रही है।मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत कल तीसरी किश्त जारी होने पर खुशी व्यक्त किया। इस दौरान साराडीह के  कोमल जयसवाल ने बताया कि उसका एक लाख ७० हजार रुपए का ऋण माफ हुआ है। इस बार ४६० कट्टा धान बेचा हूं। योजना से पहले मिले पैसे से ट्रैक्टर लिया हूं। दो साल हो गया है। किस्त भी पूरा पटा रहा हूं। पत्नी के लिए हार भी खरीदा हूं।  सुशील कुमार ने बताया कि डेढ़ एकड़ में मक्का लगाया था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से आदान सहायता मिल रहा है। सौर सुजला योजना से सोलर पंप मिला, जिससे मक्का, मूंगफली और बरबट्टी तीन फसलों की खेती कर रहा हूं। इस दौरान ग्राम सकराली के कृषक  नोहर बघेल ने बताया कि कल जारी किश्त में १३ हजार रूपए खाते में आए हैं। योजना से मिले पैसे से ५५ हजार रूपए का ऋण भी पटा दिया हूं। पंप लगाकर दो फसली उपज का लाभ रहा हूं। बच्चे की शादी की और मोटर साइकिल लिया हूं, इसके लिए कोई ऋण भी नहीं लेना पड़ा। इसी तरह आनंद गोस्वामी ने बताया कि मुझे राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की दो किश्त मिल चुकी है। इसका मुझे अच्छा लाभ हो रहा है। विकसित होगा साराडीह बैराजउन्होंने बताया कि उनका गांव बाढ़ प्रभावित है। इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने सामुदायिक भवन निर्माण की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री  बघेल ने ऐसे सारे गांवों में जो बाढ़ डूबान क्षेत्र में आता है, वहां सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की। उन्होंने कलेक्टर को ऐसे गांवों का सर्वे कर शीघ्र प्राक्कलन तैयार करने के लिए निर्देशित किया। भेंट-मुलाकात अभियान में ग्राम नवापारा के पशुपालक  गौरीशंकर यादव ने बताया कि उन्होंने ६० हजार रुपए का गोबर बेचा है, जिसमें से ३० हजार रुपए से गाय खरीदी है। वह पत्नी के लिए हार भी खरीदा है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल डभरा की छात्रा कु. डिंपल यादव ने फर्राटेदार अंग्रेजी में अपने अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल को आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बेहतर प्रतियोगी माहौल उपलब्ध कराने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवा रहे हैं ताकि प्रदेश के बच्चो के सपनों को उड़ान मिल सके। अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़े रहने स्कूलों में छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई शुरू करने की पहल की है। संस्कृत में विपुल ज्ञान का भंडार है, उसका लाभ भी बच्चे उठा सकें, इसलिए हिंदी के साथ अंग्रेजी, छत्तीसगढ़ी और संस्कृत में भी पढ़ाई करवा रहे हैं। अगले साल ४०० आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना है। राकेश कुमार ने बताया कि बेटी के दिल में छेद था। चिरायु योजना में ऑपरेशन हुआ। आज बेटी स्वस्थ है। लेकिन रूटीन जांच और दवाइयों में बहुत खर्च हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदनशीलता दिखाते हुए  राकेश कुमार को तत्काल ५० हजार की राशि स्वेच्छानुदान से स्वीकृत किया।

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