– 74 से अधिक देशों के कई लाख बच्चों और युवाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें 15 भाषाओं में, जिनमें नौ भारतीय और छह संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधिकृत भाषाएँ शामिल हैं, ‘दयालुता’ विषय पर मार्मिक कहानियाँ प्रस्तुत की गईं
– यह कार्यक्रम विश्व के बच्चों और युवाओं के बीच आत्मनिरीक्षण और प्रामाणिक आत्म-अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया
देहरादून। हार्टफुलनेस के वैश्विक मुख्यालय कान्हा शांति वनम में 29वें हार्टफुलनेस निबंध कार्यक्रम के लिए पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, यूनेस्को एमजीआईईपी के निदेशक डॉ. अनंत दुरईअप्पा, तेलुगु फिल्म अभिनेत्री सुश्री कृति शेट्टी एवं हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के मार्गदर्शक कमलेश डी पटेल (दाजी) के अलावा कुछ अन्य विशिष्ट हस्तियों ने शिरकत की। पुरस्कार वितरण समारोह कान्हा शांति वनम में विश्व के सबसे बड़े ध्यान-कक्ष से विश्व स्तर पर सीधा प्रसारण किया गया।
रयान इंटरनेशनल स्कूल (मुंबई) की संयुक्ता शिवकुमार ने अंग्रेजी श्रेणी 1 (14-18 वर्ष) में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि बीवीआरआईटी हैदराबाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर विमेन (हैदराबाद) की नंबुरी साई संजना ने अंग्रेजी श्रेणी 2 (19-25 वर्ष) में प्रथम स्थान हासिल किया। मेरठ के निखिल कुमार ने हिंदी श्रेणी 1 और दक्षिण बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया के सौम्य कुमार सिंह ने हिंदी श्रेणी 2 में प्रथम पुरस्कार जीते हैं।
1993 में शुरुआत के बाद 28 वर्षों से चल रहा हार्टफुलनेस निबंध कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा और सबसे लंबे समय तक चलने वाला निबंध कार्यक्रम है। इसमें 2019 में लगभग दस लाख प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थीं। 29वें वर्ष के कार्यक्रम का शुभारम्भ अगस्त 2021 में किया गया जो ष्यूनेस्को एमजीआईईपी” द्वारा चलाए गए एक अभियान ष्दयालुता- स्वयं के प्रति, दूसरों के प्रति और पर्यावरण के प्रतिष् विषय पर आधारित है और इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 30ःअधिक छात्रों की भागीदारी थी। इस आयोजन में 74 से अधिक देशों के लाखों बच्चों और युवाओं ने भाग लिया, तथा ‘दयालुता’ पर की नौ भारतीय और छह संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधिकृत, 15 भाषाओं में 42 हजार से अधिक मार्मिक कहानियों की ऑनलाइन प्रस्तुतियाँ प्राप्त हुईं
हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट प्रतिवर्ष श्री रामचंद्र मिशन के साथ जीवन-मूल्यों को अपने सीखने के हिस्से के रूप में विकसित करने हेतु युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से (यूनाइटेड नेशंस इंफॉर्मेशन सेंटर फॉर इंडिया एंड भूटान) के सहयोग से हार्टफुलनेस निबंध कार्यक्रम आयोजित करता है। महामारी की बाधाओं के बावजूद इस वर्ष भी निबंध कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। दुनिया भर के प्रतिभागियों से निर्णायक मंडल ने इस बार भी उच्च गुणवत्ता वाले निबंध प्राप्त किए। इस आयोजन का उद्देश्य है युवा मस्तिष्क के संसाधनों में चिंतन-मनन, अंतरावलोकन और विचार-विमर्श को शामिल कर अंतर्बाेध तक पहुँचने में तथा दैनिक जीवन में मूल्य-आधारित शिक्षण को मूल्यवान उपकरण बना पाने में उनकी मदद करना। हार्टफुलनेस वर्षों से स्वयं की खोज का वातावरण बना कर लाखों युवा नागरिकों के दिल और दिमाग इस ओर प्रवृत्त करता रहा है।
इस अवसर पर बोलते हुए हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक श्री कमलेश पटेल (दाजी) ने कहा, “हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहाँ माता-पिता यह मानते हैं कि वे या तो काम में बहुत अधिक व्यस्त हैं या समय की कमी से ग्रस्त हैं जिसके कारण वे बच्चों को अच्छे गुण सिखाने के लिए समय नहीं दे पाते। बच्चे भी तकनीक की चपेट में आ चुके हैं। हमें ऐसे साधन खोजने होंगे जो उन्हें थोड़ा आत्मनिरीक्षण करने और विचारों में कुछ स्थिरता लाकर इसे कार्यान्वित करने में मदद करें। इस तरह का निबंध लेखन कार्यक्रम छात्रों को मानव जीवन के अर्थ और मूल मानवीय गुणों पर विचार करने योग्य बनाएगा। इसे मिली प्रतिक्रिया को देखकर मैं अभिभूत हूँ। मैं इस आयोजन के भविष्य के संस्करणों में नवाचार और अन्वेषण की श्रेणियों को जोड़ने की जोरदार सिफारिश करूँगा ताकि हमारी युवा पीढ़ी बेहतर और प्रतिभावान बन सके।
भारत के माननीय पर्यटन मंत्री श्री किशन रेड्डी ने कहा, ष्हार्टफुलनेस निबंध कार्यक्रम में इतनी बड़ी भागीदारी इस ओर ध्यान आकर्षित करती है कि विभिन्न स्तरों पर हमारे बच्चों और युवाओं के ‘दयालुता’ पर कितने गहरे विचार हैं और ये जो दयालु और समावेशी युवा हैं, ये दुनिया भर से हैं। वे पूर्वाग्रहों से परे देख रहे हैं, समानता को महत्व दे रहे हैं और प्रकृति की परवाह करने वाले भी हैं। ऐसा निबंध कार्यक्रम छात्रों को अपने विचारों में रचनात्मक होने में भी सक्षम बनाता है जैसा कि इस वर्ष शामिल होने वाले छात्रों की बड़ी संख्या से परिलक्षित होता है।”
ष्दुनिया भर के युवाओं को उनके श्रेष्ठ विचारों को प्रकट करते हुए एक साथ सामने लाने का निबंध कार्यक्रम का उद्देश्य भी सफल हुआ है। हार्टफुलनेस और यूनेस्को, दोनों ही युवाओं की समग्र शिक्षा और विकास पर जोर देते हैं और दयालुता इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। दयालुता के माध्यम से ही कई अन्य मानवीय गुण सामने आते हैं। प्रतिभागियों द्वारा भेजे गए सुंदर निबंध इस दिशा में कुछ अद्भुत विचारों को दर्शाते हैं और दिखाते हैं कि युवा लोग सार्वभौमिक सद्भाव के प्रति कितने खुले हैं,” यूनेस्को एमजीआईईपी निदेशक डॉ. अनंत दुरईअप्पा, ने कहा।
इस बार हार्टफुलनेस ग्लोबल निबंध कार्यक्रम, अगस्त 2021 में ऑनलाइन आयोजन के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ और 15 दिसंबर 2021 को समाप्त हुआ। विजेताओं के नामों की घोषणा 26 जनवरी 2022 को की गई। हार्टफुलनेस ने यूएनआईसी यूनेस्को एमजीआईईपी के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन कियाद्य इसे तकनीकी भागीदार -डेज़ी टेक कंप्यूटर्स एलएलसी, एडीजेस इंस्टीट्यूट वर्ल्डवाइड, इनमोबी और शैक्षणिक भागीदार -एजुकेशन वर्ल्ड तथा पैरेंट वर्ल्ड द्वारा प्रायोजित किया गया। यह भारत में 29वाँ हार्टफुलनेस निबंध कार्यक्रम था और वैश्विक स्तर पर पहला आयोजन था। यह विशेष रूप से दुनिया भर के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अपने छात्रों को भाग लेने के लिए सक्रिय प्रोत्साहन देने के कारण संभव हुआ।