बापू ओ बापू दुनिया का क्या होगा
बापू-
आप अन्याय अत्याचार पराधीनता के शत्रु थे
ऐसे अमानवीय विचारों के खिलाफ
अन्त तक लड़ते रहे आप
किन्तु-
ऐसे विचारों के वाहक
आपके शत्रु कदापि नहीं थे।
श्री राम
श्री कृष्ण
महावीर और बुद्ध का यह महानतम सन्देश
वेदों उपनिषदों और गीता में
हृदय की तरह धड़क रहा है।
बापू-
आप ईश्वरीय चेतना के पर्याय रहे
इन मसीहाओं के जीवंत प्रतिनिधि थे
इसीलिए
लोग आपको मानते तो हैं
परन्तु समझते नहीं।
बापू
स्वामी विवेकानन्द और गुरु गोबिन्द सिंह जी भी
माने तो जा रहे हैं
परन्तु इन ईश्वरीय चेतना के स्रोतों को
समझने की धुन
भारतीय लोगों के मन में पैदा नहीं हो रही।
बापू-
भारत की यह दैवीय धरोहर
धरती माता की असली उपलब्धि है,
पर शांति-सदाचार की यह कुंजी
जंक खा रही है।
बापू-
जब भारत ही दिशाहीन रहेगा
तो फिर
भटके विश्व का क्या होगा।
virendra dev gaur
chief editor (nwn)