रामविलास वेदांती महाराज जी का कहना
श्रीराम बिना एक पल नहीं रहना
रामलला का पाँच सौ सालों का वनवास
एक पल भी अब नहीं सहना।
श्रीराम रहे न्याय प्रिय राजा
न्याय पथ चल साधे जग काजा
हनुमान महाबली रघुबर के दासा
पूरण किये श्रीराम की हर आशा।
रामकृष्ण प्रदेश के अन्दर
श्रीराम पावनधाम अयोध्या विराजे
महाराज वेदांती आप तहाँ रहते
श्रीराम प्रताप की महिमा कहते
श्रीराम तीन लोक के स्वामी
तिरपाल तले शरणागत अन्तर-यामी।
उच्चतम न्यायालय बौना श्रीराम के आगे
यह न्यायालय जब तक नींद से जागे
महाराज ताकते रहें इसका मुँह क्या हम अभागे
अयोध्या से रामेश्वरम से सब सोते
महाराज भारतवासियों की अज्ञानता पर हम रोते
महाराज जगाओ-
पाँच सैकड़ा सालों की नींद से जगाओ
गुलाम बनी हमारी सोच भगाओ
राम के देश में राम मन्दिर के पड़ गये लाले
दूर करो महाराज दुःखी दिल के छाले।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)