
ऐ ममता
तेरे राज में समता क्यों लहूलुहान पड़ी
हिन्दू जोर से बोले तू चिढ़ती
खूनी बलात्कारी मुस्लिम को तू पलको पे धरती
अरे ये अत्याचार हिन्दुओं पर
क्यों आखिर तू करे।
पगला कर तू वोट के पीछे
बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों पर
ममता क्यों है धरे
हिन्दुओं की जायज माँगों को
क्यों धकेलती तू परे।
मुस्लिम त्योहारों का तू बनती हिस्सा
क्या है ये आखिर तेरा किस्सा
हिन्दू त्योहारों को तू बैन करे
चाहे हो दुर्गा पूजा
हो चाहे श्री राम नवमी
तू हरदम पंगा करे
मुस्लिम त्योहारों पर तू मर मिटने को आतुर
हिन्दू त्योहारों को मिटाने को आतुर
अरे! मौलवी निर्ममता एलर्जी क्यों तू
घड़ी-घड़ी भारत माता की छाती पे चढ़े।
Virendra DEV Gaur
Chief Editor