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मुख्यमंत्री ने सचिवालय में चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा की

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दस किमी की परिधि में मिले स्वास्थ्य सुविधाएं।
जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने सचिवालय में चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड में दस किमी की परिधि में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर समयबद्धता से काम किया जाए। संस्थागत प्रसव के प्रतिशत को बढ़ाया जाए। प्रसव के तुरंत बाद नवजात को मां का दूध पिलाए जाने के महत्व को प्रचारित किए जाने की आवश्यकता है। सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाईयांे की उपलब्धता को सुनिश्चित कर लिया जाए। जिन जिलों मे बालिका लिंगानुपात अपेक्षाकृत कम है, वहां विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा कर रहे थे। यह समीक्षा सीएम डैश बोर्ड में निर्धारित के.पी.आई. के आधार पर की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में स्वास्थ्य सूचकों में काफी सुधार हुआ है। स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में तय किए गए टार्गेट को पूरा करने के लिए इसी प्रतिबद्धता से आगे भी काम करना होगा। अस्पतालों में प्रसव सुविधाओं में और सुधार किया जाए। न्यूट्रिशनल रिहेबिलिटेशन सेंटरों (एनआरसी) से वापिस घर जाने वाले कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की ट्रेकिंग की जाए। वर्ष २०२२ तक सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वैलनैस सेंटर में अपग्रेड किया जाना है। आवश्यकता समझे जाने पर स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। जीवनरक्षक दवाईयों की कमी न रहे।  बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड में पिछले वर्षों में अनेक स्वास्थ्य सूचकों में सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव ५० प्रतिशत से बढ़कर ७१ प्रतिशत हो गया है। एसआरएस सर्वे के अनुसार मातृत्व मृत्यु दर में ८४ अंकों की गिरावट आई है। शिुश मृत्यु दर ३८ प्रति हजार से घटकर ३२ प्रति हजार जीवित जन्म हो गयी है। प्रदेश में टीकाकरण का प्रतिशत २ वर्षों में ८७ प्रतिशत से बढ़कर ९९ प्रतिशत हो गया है। राज्य का बालिका लिंगानुपात तीन वर्षों में ९०६ से बढ़कर ९३८ हो गया है। सभी ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष से जोड़ दिया गया है। डाक्टरों की संख्या वर्तमान में २१५२ है। जल्द ही ३१४ और डाक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी। आई.सी.यू ८ जिलों में संचालित हैं। अगले वर्ष तक सभी १३ जिलों में शुरू कर दिए जाएंगे। अटल आयुष्मान योजना में ६० प्रतिशत परिवारों द्वारा कार्ड बनवा लिए गए हैं और अभी तक लगभग ६४ हजार लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल काॅलेजों में लगभग ९० असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित नियुक्ति दी गई है। भारत सरकार द्वारा राज्य के तीनों राजकीय मेडिकल काॅलेजों (हल्द्वानी, श्रीनगर व देहरादून) को ईडब्ल्यूएस के तहत एमबीबीएस के लिए कुल ७५ सीटों की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई है। राजकीय मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में स्थित स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट को उच्चीकृत कर स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया जा रहा है।


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