सिराथू/ उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने योगी आदित्यानाथ के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए रास्ता साफ कर दिया है। योगी आदित्यनाथ ने अपने गढ़ गोरखपुर से आसानी से जीत हासिल कर लीए लेकिन सिराथू में पार्टी को जोरदार झटका लगा। यहां से प्रत्याशी यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपना चुनाव हार गए। अब बड़ा सवाल यह है कि इस हार का केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक सफर पर क्या असर होता है क्या हार के बावजूद बीजेपी उन्हें डेप्युटी सीएम बनाएगी या फिर उनकी भूमिका में कोई बदलाव किया जाएगा
अपना दल ;कमेरावादीद्ध नेता पल्लवी पटेलए ने समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ते हुए 7,337 वोट से मौर्य को हरा दिया। दूसरे ही राउंड में बढ़त हासिल कर लेने वालीं पल्लवी को 46.49 फीसदी वोट मिले और मौर्य को 43.28ः वोट हासिल हुए। नतीजों के ऐलान के बाद मौर्य ने ट्वीट कियाए श्श्मैं विनम्रतापूर्वक सिराथू की जनता के फैसले को स्वीकार करता हूं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं का उनकी कड़ी मेहनत के लिए और मुझमें विश्वास जताने वाले मतदाताओं का आभारी हूं।
अकेले 255 सीटें जीतने वाली बीजेपी को मौर्य की हार के रूप में बड़ा झटका लगा। भाजपा के साथ चुनाव लड़े अपना दल ;सोनेलालद्ध और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल ;निषादद्ध को क्रमशरू 12 और 6 सीटों पर जीत मिली।
यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीए केंद्रीय मंत्री अमित शाहए राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की ओर से शानदार अभियान भी मौर्य को हार से नहीं बचा पाया। अब सवाल यह उठता है कि क्या मौर्य को अपनी कुर्सी वापस मिल पाएगीघ् मंत्री बनने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है। हालांकिए सदस्य ना होने पर भी किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती हैए लेकिन छह महीने के भीतर दोनों में से किसी सदन में निर्वाचित होना होता है।
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