B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
थूकता हूँ ऐसे लोकतंत्र पर जिसमें रावण बना दिए गए श्री राम
चाँदी की ईंट वाले
उद्धव ठाकरे जैसा साहस चाहिए
हनुमान जी का अवतार चाहिए
वहीं उसी जगह श्री राम का मन्दिर चाहिए
पाँच सौ बरसों से आस लगाए बैठे हिन्दू को इन्साफ चाहिए।
वन वासियों दलितों पीड़ितों ऋषियों के मसीहा थे श्री राम
एक धोबी जैसे साधारण आदमी की बात को भी मान देते थे श्री राम
एक भीलनी शबरी के जूठे बेर चाव से खा गए थे श्री राम
केवट जैसे मामूली आदमी को गले लगाते थे श्री राम
निषादराज को भाई जैसा बताते थे श्री राम
आज ‘‘वोट की मदिरा’’ ने करोड़ों के मन से निकाल दिए श्री राम
कई मामूली नेताओं के आगे बौने बना दिए गए श्री राम
हिमालय से राई बना दिए गए समदर्शी भाव वाले श्री राम
थूकता हूँ ऐसे लोकतंत्र को जिसमें रावण बना दिए गए श्री राम।
अनन्य भक्त हनुमान ने थी लंका जलाई
रावण को श्री राम की शक्ति की याद दिलाई
आजाद भारत के लोकतंत्र ने बार-बार अयोध्या धाम की गरिमा गिराई
मोहम्मद गजनवी के नापाक हाथों बर्बाद की गई सोमनाथपुरी फिर से सजाई
किन्तु धरती के सबसे बड़े धाम वेदों में वर्णित देवनगरी अयोध्या की सुध न आई
वोट पर मर मिटने वाली कांग्रेस की चाल भाजपा ने बार-बार दोहराई
दिल्ली से बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी कर लो नरेन्द्र भाई।
मुख्यमंत्री पद बड़ा है या श्री राम की चरण रज फैसला कर लो
श्री भरत के त्याग का पथ सबसे बड़ा है समझ लो
आपकी असली अग्नि परीक्षा का मुहुर्त आ गया है मान लो
प्रयागराज महाकुम्भ की महान सफलता सा हठ ठान लो
श्रीमान् योगी जी महोदय प्रत्यंचा तान लो
श्री राम मन्दिर बनना चाहिए यह जान लो
संविधान श्री राम से बड़ा नहीं हो सकता यह कह दो
बाबर की मानसिक गुलामी का निर्णायक अंत कर दो
आती है सूनामी तो उसे शौक से आने दो
श्री राम पर समूचे भारत को मिट जाने दो।
-जय भारत