
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
वन्दे मातरम का अर्थ समझ जाए देश तो समाप्त हो जाए सब अनर्थ
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
जान हथेली पर लेकर हम
कफन माथे पर बाँध चले हम
देखेंगे किसमें कितना दम
चैन नहीं लेंगे तब तक हम
हो न जाएं दुश्मन जब तक बेदम
एक-एक बन जाएंगे हम बम
बढ़ते जाएंगे हम कदम-कदम
रक्त जमा देंगे दुश्मन का हम
काल बनकर टूट पड़ेंगे जब हम
दुश्मन में देखेंगे कितना दम
रहे विश्व शांति के सनातन पहरुए हम
कट्टरता से रहे सदा दूर हम
कमजोरी नहीं शक्ति का यह दम-खम
यही नैतिकता रही हमारी कमजोरी हर दम
इस ऐतिहासिक कमजोरी को दूर करें हम
पराक्रमी रहे पर अब अजेय बनें हम
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
वन्दे- – – – – – – मातरम्।
-जय भारत