श्रीनगर । आतंकवादियों की धमकियों के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से अपनी यात्रा को कम कर जितनी जल्दी संभव हो कश्मीर घाटी छोडऩे की सलाह दी है। गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने आज इस संबंध में परामर्श जारी किया।
परामर्श के अनुसार आतंकवादियों की धमकी और वर्तमान स्थिति को देखते हुए श्रद्धालु और पर्यटकों से कहा गया है कि वे अपनी यात्रा अवधि में कटौती करके घाटी से चले जाएं। प्रशासन ने कहा है, यह सलाह दी जाती है कि श्रद्धालु-पर्यटक अपनी घाटी की यात्रा अवधि को तुरंत कम करके जितनी जल्दी संभव हो वापस लौटने का प्रयास करें। इसी बीच सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा पर बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस पर इसकी जानकारी दी। इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रियों पर स्नाइपर से हमले की कोशिश की गई, लेकिन सुरक्षाबलों ने इसे पूरी तरह विफल कर दिया। यह आदेश इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में घाटी में करीब 10 हजार सैनिकों की तैनाती के बाद 28 हजार सैनिकों की तैनाती का आदेश जारी हुआ है। इसे लेकर सूबे की सियासत गर्मा गई है और पीडीपी व नेशनल कांफ्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है।
राज्य में पर्यटकों के लिए अचानक यात्रा खत्म किए जाने संबंधी एडवाइजरी जारी किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर नाराजगी और चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सीरियसली आपने सोचा है कि एक सरकारी आदेश से पर्यटक जल्दी से घाटी छोड़कर भागने लगेंगे कितने पर्यटक इस आदेश को देखकर भागने लगेंगे. लोगों के भागने से एयरपोर्ट और हाइवे पर जाम लग जाएगा।
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