B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
अपनेपन की चाय मिली सुबह सवेरे लगती है भली
बेचैन पड़ी किसकी यह बेटी
लाचार पड़ी किसकी यह अम्मा
मुसीबत में किसी की बहना
सुबह सवेरे प्यार भरा सहारा
हर कोई किसी मुसीबत का मारा
जन सेवा समिति का यह नारा
सोच यही मकसद ये हमारा
भेंट करो चाय का प्याला
ठंड में मिलता है सहारा
हर आदमी प्रेम का प्यासा
संतोष मिलता है खासा
पूरी करें सुबह की आशा
अपनेपन की देते चलो दिलासा।
-जय भारत जय,जन सेवा समिति का चाय आन्दोलन