सनातन संस्कृति भारत की
झलकती है आपके उद्गारों में
सनातन संस्कृति भारत की
महकती है आपके विचारों में
क्यों वर्तमान देश का जटिल-उलझा
क्यों रहा देश आठ सदियों तक पराधीन पड़ा
बिखरा-बिखरा सा हमारा अस्तित्व क्यों है
क्यों मध्य-कालीन सा है स्वार्थ भरा।
महोदय ज़रा समझाओ तो
क्यों राजा दारा धोखा खाता है
पृथ्वीराज चौहान क्यों अकेला पड़ जाता है
क्यों रानी लक्ष्मीबाई और रानी चेनम्मा पर
विपदा का बैरी बादल मँडराता है
क्यों शिवाजी महाराज देश की एकता का
जोड़ नहीं बन पाते हैं
क्यों आखिर क्यों महोदय
स्वाभिमान शिरोमणि महाराणा प्रताप घर-घर नहीं पूजे जाते है
क्यों प्रचंड देशभक्त विनायक दामोदर सावरकर जी बन अबूझ पहेली रह जाते है।
डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी क्यों पृथ्वीराज चौहान की तरह
अभिमन्यु का अन्त यहाँ सदा पाते है
क्यों एकात्म-चिंतन के प्रखर-परम योगी पंडित दीनदयाल यहाँ
हाशिए पर डाल दिए जाते हैं
श्रीमान् मोहन भागवत जी
मैं तो अति-साधारण ठहरा
आपने तो भागवत-महापुराण भी समझा होगा
वेदों की छत्रछाया में
श्री रामायण जी और गीता के पावन प्रकाश में
भारत माता के जीवन का सार मथा होगा
बताओ श्री मोहन भागवत जी कृपालु
अप्रतिम-गतिशील राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कण-कण कब निस्वार्थ चैतन्य होगा
ताकि राष्ट्र विश्व में फिर कभी माननीय और अनुकरणीय होगा।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)