संपादकीय
कौशल विकास की बात ज़रा धमाकेदार तरीके से होनी चाहिए। ऐसा धमाका जिसकी चमक पैरिस के एैफिल टॅावर को चौंधिया दे और बकिंघम पैलेस को दमका दे। न्यूयॉर्क की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को प्रकाशमान कर दे। जिसकी चमक जापान के क्षितिज से अमेरिका के अंतिम छोर तक लोगों को जगमग-जगमग कर दे। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के इरादो में भूचाल की ऐसी शक्ति है जो यह सब कर सकती है। मोदी जी ने कौशल विकास का जो ठोस विचार भारत के पटल पर रखा है वह काबिल-ए-तारीफ है। इसी लिए उनके सलाहाकारो को सलाह दी जा रही है कि जिस तरह तीन तलाक की बर्बर सामाजिक बुराई पर मोदी जी ने जबरदस्त प्रहार किया है और इस मुद्दे को वह अंजाम तक ले जाने के लिए संकल्प लिए हुए है उसी तरह देश से नारी देह के व्यापार को समूल नष्ट करने के लिए उन्हे कौशल विकास की शुरुआत जी बी रोड और कलकत्ता के सोनागाछी से करनी चाहिए थी। अभी भी समय है कि उनके सलाहकार उन्हे यह परम नेक सलाह दें और दुनिया के सामने एक नायाब नज़ीर पेश करें । इस देश में कहा जाता है कि जहाँ नारी पूजी जाती है वहाँ देवताओं का वास होता है। इसलिए सबसे पहले मोदी जी को देह व्यापार के दलदल में छटपटा रही नारियों और बच्चियों के कौशल विकास का महाअभियान राष्ट्रीय स्तर पर छेड़ना चाहिए था। इन सब का सौ प्रतिशत पुर्नवास होना चाहिए था। इस कार्य में मोदी जी को अमिताभ बच्चन, धमेन्द्र, जितेन्द्र, समस्त कपूर गण, हेमा जी, रेखा जी, खान बन्धुओं और कई अन्य धुरंधरों की आर्थिक सहायता लेनी चाहिए थी। बाबा रामदेव से बेशकीमती परामर्श लेना चाहिए था। राम और कृष्ण के देश में कब तक नारी भोग की वस्तु बनी रहेगी। इस देश में दो मुद्दों को हरगिज नहीं टाला जा सकता है। श्री राम मन्दिर का निर्माण और देश से हमेशा-हमेशा के लिए नारी देह व्यापार का खात्मा। क्या यह महान देश खाड़ी देशों के शेखों की हवस मिटाने के लिए ऐशगाह बना रह जाएगा। इस देश के चप्पे-चप्पे पर कहीं भी किसी बच्ची और नारी के सम्मान पर खरोच तक नहीं लगनी चाहिए, तभी भारत माता के होठों पर मुस्कान झलकेगी और भारत एक बार फिर विश्वगुरु की राह पकड़ेगा।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)