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Ramanand Sagar

अमर रामानन्द सागर जी कम से कम दादा साहब फाल्के पुरस्कार के हक़दार

 

 

Ramanand Sagar

virendra

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)

जय श्री राम जय रामानन्द सागर जी (मधुशाला की तर्ज पर)

वाल्मीकि कम्बन और गुरु तुलसी बाबा के बाद जो पहुँच पाए श्री राम की मधुशाला
चख पाए पार कर अथाह सागर कठोर साधना से हाला
तिनके से उठकर बन गए पहाड़ पा गए वह कंचन दिव्य प्याला
भारत याद करता है उस दिव्य विभूति को कहकर रामानन्द सागर मतवाला।
क्रोध आता है गुलामी पर रोना आता है बाबर की शैतानी पर ओ लाला
वह सफल रहा उसके अभियान में भुला दी हमें उसने राम की मधुशाला
करता है जो राम का तिरस्कार भारत में वह कहलाता है समझ वाला
अरे दुष्ट बाबर देख फँस गया भारत मजबूत है सेकुलरवाद का जाला
जिस रामानन्द सागर ने घर-घर मचाई धूम राम की पिलाई बैठे-बिठाये हाला
उसे पूर्वाग्रही सरकार ने साधारण सा इनाम पद्मश्री देकर टाला
अरे जिस भगीरथ ने पाँच सौ साल की नींद के बाद हमारी सोई आत्मा को खँगाला
उसी भगीरथ के प्रताप से 6 दिसम्बर 1992 के दिन हमने जुल्मी मस्जिद का विध्वंस कर डाला।
अरे हिन्दू क्या तूने कथित सेकुलरवाद का ले लिया ठेका लाला
श्री राम तो पूरी दुनिया के पहले सच्चे सेकुलरवादी थे सबसे बड़े अल्ला ताला
अपने समय के तमाम पंथों अनगिनत जातियों में सुलह कराने वाले लेकर दिव्य कंचन प्याला
पिलाते रहे जीवन के अन्तिम क्षणों तक समरसता ओर समानता की हाला।
फर्जी सेकुलर महारथियो 6 दिसम्बर के दिन बाबर को धिक्कारो श्री राम नाम की पीकर पावन हाला
बाबर उसके जमाने का आईएस आईएस था औरंगजेब पहुँचा हुआ जिहादी हाला
ओसामा बिन लादेन हाफिज सईद और तमाम जिहादी दहशतगर्दों की एक ही है खाला
सुधर जाओ फरेब का रास्ता छोड़ो 1947 से पहले का पूरा भारत अपना है लाला।
6 दिसम्बर को मनाओ ‘‘जिहाद-मुक्ति दिवस’’ पीकर श्री राम नाम की हाला
राम-राम के गगनचुम्बी जयकारों से बरसाओ भारत की धरती पर भर-भर प्याला
समरसता और समानता के जयघोष के साथ चलें अयोध्या धाम महसूस करें क्या होती है मधुशाला
चाहे बिछाना पड़े शरीर को ईंट बनाकर जता दें दुनिया को अयोध्या है हिन्दुत्व की यज्ञशाला

जय भारत                                                           -जारी रहेगा

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