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रेल कर्मचारियों को 72 के बजाए 78 दिन की दीहाडी का बोनस देने का ऐलान

 

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नई दिल्ली (का0सं0) । कैबिनेट ने रेलवे के कर्मचारियों के बोनस के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए दीवाली से पहले ही रेल कर्मचारियों को 72 के बजाए 78 दिन की दीहाडी का बोनस देने का ऐलान किया है। कैबिनेट की बैठक में हुए अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के तहत आई.टी.डी.सी. के तीन और होटलों को राज्यों को सौंपने की मंजूरी दी है। तो वहीं सरकार ने खेलो इंडिया योजना के पुनरूद्धार को मंजूरी देकर स्टेडियम के निर्माण के साथ खिलाडिय़ों का निर्माण करने का फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कैबिनेट ने रेलवे के कर्मचारियों के बोनस को लेकर एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है। जिसके तहत रेलवे के करीब 12 लाख 30 हजार कर्मचारियों को दीवाली से पहले प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस के रूप में बड़ा तोहफा मिलेगा। एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 6 साल पहले रेलकर्मियों को 78 दिनों का बोनस देने का फार्मूला था। इसीलिए सरकार ने इसी के तहत बोनस देने का फैसला किया है जिसमें रेल कर्मचारियों को कुल रेल कर्मचारियों के लिए 78 दिनों का पीएलबी भुगतान करने में 2245.45 करोड़ रूपए के वित्तीय व्यय के खर्च अनुमान है। पीएलबी के भुगतान के लिए मजूरी की गणना करने की अधिकतम सीमा सात हजार रूपए प्रति माह निर्धारित है। प्रत्येक पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये रूपए है।
तीन आईटीसी होटल राज्य सरकारों को सौंपे
मंत्रिमंडल ने भारतीय पर्यटन विकास निगम लि. की यूनिट होटल जयपुर अशोक, जयपुर तथा ललिता महल पैलेस होटल मैसूर को क्रमश: राजस्थान सरकार एवं कर्नाटक सरकार को हस्तांतरित करने और आईटीडीसी के शेयरों के मैसर्स डॉनई पोलो अशोक होटल कार्पोरेशन में विनिवेश को मंजूरी दी। भारत सरकार की विनिवेश नीति के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि आईटीडीसी होटलों व संपत्तियों को उन राज्यों को जहां ये मौजूद हैं, पट्टे-उपपट्टे पर दे दिया जाए और जहां राज्य पट्टे-उपपट्टे पर इन्हें लेने के लिए सहमत न हो, वहां इन संपत्तियों को सरकारी मूल्यांकित कीमत पर राज्यों को वापस लौटा दिया जाए। यह नीति इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है कि व्यवसायिक आधार पर होटलों का प्रबन्धन सरकार अथवा उसके निकायों का काम नहीं है। सरकार की विनिवेश की नीति के अनुपालन में पर्यटन मंत्रालय ने अब तक होटल लेक व्यू अशोक, भोपाल, होटल ब्रह्मपुत्र अशोक, गुवाहाटी, होटल भरतपुर अशोक, भरतपुर कीसंपत्तियों या यूनिटों को संबंधित राज्य सरकारों को हस्तांतरित कर दिया है। इसके अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा होटल जनपथ, नई दिल्ली को शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार को हस्तांतरित किए जाने की सैद्धांतिक रूप से भी मंजूरी दी जा चुकी है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आईटीडीसी के डॉनई पोलो अशोक होटल कार्पोरेशन, ईटानगर के 51 प्रतिशत इक्विटी शेयरों को अरूणाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में विनिवेश को मंजूरी दे दी है।
सरकारी प्रिटिंग प्रेसों का मर्जर
मंत्रिमंडल ने भारत सरकार मुद्रणालय (जीआईपी) को युक्तिसंगत बनानेध्विलय और उनके आधुनिकीकरण को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के 17 मुद्रणालयों (जीआईपी)ध्इकाइयों को युक्तिसंगत बनानेध्विलय एवं आधुनिकीकरण को मंजूरी दी है। इसके जरिये भारत सरकार के इन 17 मुद्रणालयों (जीआईपी) को राष्ट्रपति भवन, मिंटो रोड एवं मायापुरी, नई दिल्ली, महाराष्ट्र के नासिक और पश्चिम बंगाल में कोलकाता में टेम्पल रोड स्थित 5 भारत सरकार मुद्रणालयों में एकीकृत किया जाएगा। इन पांच मुद्रणालयों की अतिरिक्त भूमि को भुनाकर उनका आधुनिकीकरण और नए सिरे से विकास किया जाएगा। अन्य एकीकृत मुद्रणालयों की 468.08 एकड़ भूमि शहरी विकास मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय को सौंप दी जाएगी। चंडीगढ़, भुवनेश्वर और मैसूर स्थित भारत सरकार पाठ्य पुस्तक मुद्रणालयों की 56.67 एकड़ भूमि संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दी जाएगी।
खेलो इंडिया पर भी बड़ा फैसला
जेटली ने बताया कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार अतिरिक्त कदम उठाएगी। इनकी घोषणा प्रधानमंत्री से चर्चा के बाद की जाएगी। बैठक में खेलो इंडिया पर भी फैसला किया है। खेलो इंडिया का बजट बढ़ाकर 1756 करोड़ किया गया है, यह बजट 2017-18 से 2018-2019 तक का है। यह योजना खेल, खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इस योजना के तहत ना सिर्फ स्टेडियम तैयार किए जाएंगे, बल्कि नए खिलाडिय़ों का विकास किया जाएगा।
दंतचिकित्सक (संशोधन) विधेयक को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में दंतचिकित्सक (संशोधन) विधेयक-2017 को संसद में पेश करने की मंजूरी दी है जो दंतचिकित्सक अधिनियम, 1948 (1948 के 16) में विधि निर्माण विभाग द्वारा आवश्यक संशोधन पर आधारित होगा।

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