उत्तराखंड को वीर आज जिन पर नाज़ है
उन्ही के सर हमें दिख रहा भगवती-देवी का चमचमाता ताज है।
फ़र्ज और ईमान की मिसाल जब कोई अफसर बनती है
वीर निराशा के अँधेरे में एक आशा की मसाल जल उठती है।
स्वार्थ तंगदिली और लूट-खसोट के अजीबोगरीब माहौल में वीर
पग-पग पर अरमानों से भरे दिल पर चलते हैं ज़हर बुझे तीर ।
आई ए एस अफसरों की कहने को तो देश में पूरी फ़ौज है
मगर इक्का-दुक्का-तिक्का को छोड़ सबकी बस मौज है ।
फर्ज़ ईमान और कर्तव्य-परायणता पर जो जान छिड़केगा ऐ नादान
कलियुग की चहल-पहल और गहमागहमी में वह बन जाएगा भगवान ।
किसी शख्सियत की असलियत का अंदाजा शानोशौकत से नहीं लगता
सादगी सच्चाई और इन्सानियत का राज भी छिपाए नहीं छिपता ।
देवी राधा रतूड़ी और श्रीमान अनिल रतूड़ी की भलमनसी पर किताब लिखो वीर
इनके क्रिया-कलापोें और इनके सादगी भरे आचरण में मिलेगी हम दिशाहीनों को नज़ीर ।
श्री राम, कृष्ण, स्वामी विवेकानन्द, गुरु गोबिन्द सिंह और बापू के महान संस्कारों का देश है भारत
ऐसे आला अफसरों के रहन-सहन सोच-विचार और सादगी में झलकता है मेरा भारत ।
वीर झुकाओ माथा अपना ऐसे ईमान के पैगम्बरों के आगे
दिल को मिलता है बे-पनाह सुकून ऐसे इन्सानो को पा के ।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)
Mob.9557788256