
बागेश्वर (संवाददाता)। आवारा जानवरों को नगर से दूर करने का अभियान धूमिल होता जा रहा है। पालिका की चेतावनी के बाद भी पशुपालकों द्वारा नगर में जानवरों को आवारा छोड़ा जा रहा है। जिससे राहगीरों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। नई पालिका के गठन के बाद अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने पहला काम नगर से आवारा जानवरों को हटाने का किया था। उनके इस कार्य की जमकर सराहना भी हुई। पालिका ने भी नगर को जानवर मुक्त रखने के लिए लोगों से अपील की। आवार जानवर छोड़े जाने पर जुर्माना लगाने तक की बात की, लेकिन कुछ समय बाद ही इस अभियान की धज्जियां उड़ गई हैं। नगर में पहले की तरह आवारा जानवरों का राज हो गया है। इनकी तादात दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक स्थल, पुल और सड़क किनारे जानवर आराम फरमाते दिख रहे हैं। कई बार बाजार में भी जानवर भगदड़ मचाते हैं। जिससे लोगों को जान बचानी मुश्किल हो जाती है। धार्मिक स्थल, अस्पताल और सड़कों पर जानवर गंदगी भी कर जाते हैं। यहां आने वाले पर्यटक भी इससे परेशान रहते हैं। भुवन, मनोज, शेखर, रमेश, देवकी, प्रेमा आदि ने पालिका से जानवरों को गौ सदन भेजने की मांग की। इधर, ईओ राजदेव जायसी ने कहा कि चेतावनी के बाद भी लोग नगर में जानवर छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि आवारा जानवरों का पता बताने वाले को पालिका दो हजार रुपये का इनाम देगी।