नई दिल्ली । विमान यात्रियों की उड़ान के दौरान मोबाइल पर बातचीत और डेटा इस्तेमाल करने की प्रतीक्षा जल्द खत्म होने वाली है। केंद्रीय विमानन सचिव आर.एन. चौबे ने बताया कि केंद्रीय दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने शुक्रवार को इनफ्लाइट कनेक्टिविटी (आईएफसी) के नियमों को अधिसूचित कर दिया है। आईएफसी सेवा देने की इच्छुक कंपनियां अब लाइसेंस लेने के लिए डीओटी से संपर्क कर सकती हैं।
ये कंपनियां उन एयरलाइंसों के लिए सेवा प्रदाता हो सकती हैं, जो अपने विमानों में आईएफसी की सेवा देने की इच्छुक हैं। साथ ही, ये कंपनियों भारतीय वायु सीमा से गुजरने वाले विमानों को भी सेवा प्रदान कर सकती हैं। माना जा रहा है कि एयरटेल तथा जियो जैसी लगभग सभी बड़ी कंपनियों ने इस क्षेत्र में प्रवेश करने की इच्छा जताई है। स्पाइसजेट ने कहा है कि उसका बोइंग 737 मैक्स विमान सैटकॉम से सुसज्जित है, जो विमान में मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने में सक्षम है। कंपनी का कहना है कि जैसे ही सरकार की तरफ से मंजूरी मिल जाएगी वह इस सेवा को शुरू कर देगी। विदेशी एयरलाइंसों में लुफ्तांसा, सिंगापुर एयरलाइंस कतर एयरवेज और एमिरेट्स अपने विमानों में लंबे समय से वाईफाई सेवा मुहैया करा रही है, लेकिन जैसे ही उनके विमान भारतीय वायु सीमा में प्रवेश करते हैं, उन्हें इस सेवा को बंद करना पड़ता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा आईएफसी पर सिफारिशें जारी करने के 11 महीने के बाद डीओटी ने अंतिम नियमों को अधिसूचित किया है।
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