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राजीव नगर पुल पर महान त्रिमूर्ति का घोर तिरस्कार

statue

सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)

धिक्कार है
धिक्कार है
ऐ युवा तुझे धिक्कार है
महान देशभक्त चन्द्रसिंह गढ़वाली
कवि श्रेष्ठ सुमित्रा नन्दन पंत
और विश्व के महान क्रांतिकारी श्री देव सुमन की पावन त्रिमूर्ति का
ऐसा घोर निरादर
मुँह में ठूँस दी कागज की बनाकर लम्बी सिगरेट
जिस त्रिमूर्ति के चरणों की धूल को समझकर फूल
लगाना था सीने से
उन्हे दिखा दी अज्ञानी युवाओ तुमने रास्ते की धूल।
जिन महान व्यक्तियों की शख्सियत के आगे
पहाड़ भी सर झुकाने को हो तैयार
उनके मान-सम्मान पर अनाड़ियो ऐसा वार
जिनके कृतित्व का पा न सका कोई पार
उन्हे अज्ञात युवा कर रहे हैं इस कदर
कागज की सिगरेट पिलाकर बेज़ार
क्या यही है इनकी महान सेवाओं का सार।
दीवार पर महान लोगों की मूर्तियाँ चिपकाकर
बिना हिफाजत के लापरवाही से छोड़कर
इन शख्सियतों से मुँह मोड़कर
मुसकरा रही है सरकार
यह है कैसी फर्ज अदायगी?
क्या सरकार ऐसे ही वायदे निभाएगी
भगवन हमें कब अक्ल आएगी।
मैडम रजनी रावत
नगर की भावी सरकार
उम्मीद है आप जीतेंगी
साबित होंगी नगर की खैरख्वाह असरदार
देखिए मैडम कैसी बेकदरी हो रही है
नगर के अन्दर उनकी जो हमारे है परवरदिगार।
                                              -इति

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