Breaking News
Mumbai university

मुंबई यूनिवर्सिटी ने पिछले साल 35 हजार छात्रों को गलत फेल किया

Mumbai university

मुंबई । पिछले कुछ वर्षों में मुंबई यूनिवर्सिटी की मूल्यांकन प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते छात्रों का यकीन कम हुआ है। बात करें पिछले वर्ष की परीक्षा परिणामों की तो इसमें फेल करार दिए गए करीब 97 हजार से ज्यादा छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया तब सामने आया कि 36000 छात्रों की कॉपियां गलत जांची गई थीं और उन्हें पास कर दिया गया। यह खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ।
पिछले वर्ष का परिणाम आने के बाद 1.81 लाख से ज्यादा कॉपियों के लिए तकरीबन 97313 छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। यह आंकड़ा हालिया इतिहास में सबसे ज्यादा है। इससे यह भी पता चलता है कि बड़ी संख्या में छात्रों का यूनिवर्सिटी के मूल्यांकन प्रक्रिया में यकीन कम हुआ है। पिछले 3 साल- 2014 से 2016 के बीच- करीब 73 हजार छात्रों की कॉपियां यूनिवर्सिटी के एग्जाम में गलत तरीके से जांची गई थीं। इससे मूल्यांकन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले साल जब समर सेशन एग्जाम (ग्रीष्मकालीन सत्र परीक्षाएं) संपन्न हुए तो 49, 596 छात्रों को अपनी 85,068 कॉपियों में मिले नंबरों को लेकर आशंका हुई और दोबारा मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। इनमें से 16, 739 छात्रों की कॉपिया गलत जांची गई थीं और फिर उन्हें पास किया गया।
एक लाख पहुंचने वाला है आंकड़ा -इसके बाद 2017 के दूसरे हाफ में करीब 47,717 छात्रों ने 76,086 आंसर शीट्स के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जिसमें सामने आया कि 18,254 छात्रों को गलत नंबर दिए थे। इसी तरह 2016 के पहले हाफ में 44,441 में से 16,934 छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन में एग्जाम पास किया जिसमें वे पहले फेल करार दिए गए थे। आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे ने कहा, छात्रों का मुंबई यूनिवर्सिटी के परीक्षा मूल्यांकन प्रक्रिया से विश्वास कम हुआ है। 2014 में तकरीबन 80 हजार छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था, और अब यह आंकड़ा लाख तक पहुंचने वाला है।

Check Also

1

1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *