
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
मन में जिसने अपने झाँका, श्री राम को उसने ही ताका
राम नाम के नारे लगाओ
पाताल से आकाश हिलाओ
देवपुरी अयोध्या किसकी है बताओ
दुश्मन की छाती दहलाओ
कहो अयोध्या पर हक न जताओ
अयोध्या की धरती से जाओ
रामनीति से राजनीति हराओ
राह के रोड़े चुन-चुन के हटाओ
सिर्फ राम के गुण ना गाओ
पाँच सदी की धुंध हटाओ
श्री राम प्रभो का मन्दिर वहीं बनाओ
चाहे अपना शीश कटाओ।
-जय भारत