Breaking News
Kashmir

कश्मीर के अँगारे

Kashmir

ऐ माँ मेरी तू ही बता
कौन सी मैंने की खता
अंश हूँ मैं तेरे वजूद का
तेरे आँचल में हूँ पला
रक्षक तेरी आन के
संतरी तेरी शान के
सेवक तेरी जान के
मान के सम्मान के
पा रहे घाटी में सजा
हाथों में थामे जो ध्वजा
खा रहे पत्थर सह रहे गाली
पीठ पीछे शत्रु सामने शत्रु
दाँए शत्रु बाँए शत्रु
चोटी पर शत्रु घाटी में शत्रु
ये कैसी अंधेर है
रक्षक का भक्षक शेर है
ऋषि कश्यप के प्यारे कश्मीर
आँखों के तारे कश्मीर
फसाद के शैतान कारसाजो दाद है तुम्हे दाद है
एक हैवान-शैतान मुल्क पर जो तुम्हे नाज है
यही ‘हम-मुल्क’ साथियो तमाम खुरापातों का राज है
बँटवारे खून-खराबे के प्यासे भेड़ियो
सैंतालीस दोहराने के छलावे से मुँह मोड़ लो
विष्व बंधुत्व के भारतीय भाव से खुद को जोड़ लो
माँ भारती के सपूतों का धैर्य मत तोलो
माँ भारती के लालों का इम्तहान लेना छोड़ दो
जज्बातों के ठहरे हुए तूफान को बुजदिल कहना छोड़ दो
ये तेजस का युग है मोहम्मद गजनवी औरंगजेब का नहीं
ये पोरस शिवाजी महाराणा प्रताप रानी लक्ष्मीबाई का खून है
पाकिस्तान यानी जिहादिस्तान तो जिहाद वाले चौदहवीं का मून है
कश्मीर को छीन सके जो ताकत वह पूरे ब्रहमांड में नहीं।

                                                      Virendra Dev Gaur

                                                      Chief editor

Check Also

1

1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *