
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
Mob.9528727656
जिस पल हर तीसरा दिल केवल माँ भारती का हो जाएगा
उसी पल देश की माटी से जिहाद का ज़र्रा-ज़र्रा मिट जाएगा।
मेजर जनरल बाबा जसवन्त सिंह रावत जिन्दाबाद
सन् बासठ में पड़ोसी चीन ने
भारत पर धोखे से कर दी चढ़ाई
हिन्दी-चीनी भाई-भाई का स्वांग करते-करते
छेड़ दी अचानक सीमा में घुसकर लड़ाई
घोंपा हमारी पीठ पर खंजर
सेना दनदनाती हुई घुस आई
गढ़वाल रायफल की चौथी बटालियन ने ललकार लगाई
दो बार खदेड़ा दुश्मन को पीछे
वीरता की धाक जमाई
किन्तु पूरी तैयारी के साथ आ धमका था दुश्मन
हम खा गए मात देकर एकतरफा अपनापन
खैर! युद्ध ने कुछ ऐसी ली करवट
रेजीमेन्ट को मोर्चे से हटने का हुआ ऑर्डर
सकते में था खुद देश का बार्डर।
(2)
रायफल मैन जसवन्त सिंह रावत को
पीछे हटना कतई मंजूर न था
चीनी फौज के दुस्साहस पर
सोच-विचार करना स्वीकार न था
पीछे हटने का आदेश भी शूरवीर को
जरा सा भी डिगा नहीं पाया
फिर उसने किया वही जो
देश की आन के लिए उसने उचित पाया
लगा दी जान की बाजी उसने
दुश्मन का दिल दहलाया।
(3)
चौथी गढ़वाल रायफल्स के ही
लान्स नायक त्रिलोक सिंह नेगी
और रायफल मैन गोपाल सिंह गुसाईं ने भी
कमाल शूरवीरता का दर्ज किया
दुश्मन फौज के सीने में
सहा न जाए ऐसा दर्द दिया
पाँच चीनी सैनिकों से तीनों ने मिलकर
खतरनाक साबित हो रही मीडियम मशीन गन छीनी
हथियारों की कमी से जूझ रही हमारी सेना
हिम्मत और साहस में रही दूनी
जसवंत सिंह रावत को ये दो वीर
अनोखे, अनुपम और बाँके रणवीर
छोड़ गए अकेला कह गए अलविदा
उखड़ती साँसो से बोले
हम तो बन्धु हो गए फिदा।
(4)
शरीर पर हुए जख्म
पर दिल पर घुसा शूल
देश की आन, बान और शान के सिवाय
जसवंन्त सिंह सब कुछ गया भूल
घड़ी-घड़ी बदल रही थी दुश्मन रेजीमेंट पैंतरे
इधर खड़ा था दो पैरों पर अकेला
घायल शेर दे रहा दुश्मन को कड़ी चुनौती रे।
(5)
गढ़वाल रायफल्स का यह घायल शेर
करता रहा चीनियों को अकेला ढेर
नेफा (अरुणांचल प्रदेश) के इस नूरानंग मोर्चे पर
जसवंन्त ने दुश्मन के बढ़ते कदमों को रोका
सैनिक और अफसर दोनों बनकर
हर कदम बढ़ाने वाले को ठोका
चीनी रेजीमेंट को दिया वीर ने ऐसा धोखा
उन्हे लगा भारत के पास नहीं सैनिकों का कोई टोटा
जबकि इधर तो महज एक ने
अपनी मातृभूमि से वादा था कुछ ऐसा कर डाला
खुद की रणनीति से दुश्मन सेना को
घंटों तक था भ्रम में डाला
खा गया गच्चा ‘‘दुष्ट चीन’’ दिल का काला।
(6)
सुनो देश के शूरवीरो
उत्तराखंड ही नहीं देश और दुनिया के वीरो
फौजी जसवंत सिंह वीरता की
वह धधकती अमर-अजर मशाल है
मातृभूमि पर हँसकर न्योछावर होने वाला
माँ भारती का वह सपूत बेमिसाल है
जिसके आगे सच में
उत्तराखंड से लेकर अरुणांचल प्रदेश तक
नत-मस्तक हर नौनिहाल है
वह तो पीढ़ियों-पीढ़ियों के लिए
शूरवीरता का ऊँचा भाल है।
(7)
कहते हैं बन्धु मेरे
जसवन्त सिंह के लिए
दिल में जगह रखने वाली ‘सेला’
और मोर्चे के पास के एक गाँव की
दूसरी बाला नाम जिसका रहा ‘नूरा’
इन दोनों शेरनियों ने जान हथेली पर रखकर
मोर्चाबंदी में जसवन्त की मदद की थी
गोली और गोला बारूद के शोरगुल में
वीरांगना स्वंय सेवक बनकर
देशभक्ति की अनोखी अदा पेश की थी
पर कब तक आखिर यह अलबेली सेना
दुश्मनों को छका पाती
कई घंटों बाद दुश्मन ने
जसवन्त के जासूस को था पकड़ा
डरे-भयभीत इस रसद वाले साथी ने
वह बेजोड़ राज था खोला
निश्चिन्त हुआ दुश्मन जसवन्त को अकेला पाकर
घेर लिया फिर दुश्मन ने
शूरवीरों के सम्राट को चारों तरफ से आकर
भन्नाए दुश्मन सैनिकों ने
सिर धड़ से किया अलग ऐसे
जीत लिया हो कायर चीनियों ने
पूरा देश कोई जैसे।
(8)
जान गँवाई हमने
इन दो वीरांगना बालाओं की भी
खबर है हम सबको
चीनियों की सदाबहार बर्बरता की भी।
अपने अफसर के आदेश की
मोर्चे से वापस न लौटकर
‘‘वीरों के सम्राट’’ ने जो अवहेलना की थी
उसके लिए उसे वीरगति के बाद
शायद ‘‘कोर्ट-मार्शल’’ की सजा हुई थी
किन्तु वीरता की एकदम नई
दुनिया में जो उसने मिसाल पेश की थी
उसके लिए ‘‘वीरों के सम्राट’’ को
शहादत के बाद महावीर चक्र की
डबडबायी आँखों से भेंट सुनिश्चित की थी
देश पर फिदा हो जाने के बाद
वीरों के इस सम्राट को दोस्तो
धोखेबाज चीन भी देता आया है सम्मान
यहाँ अपने देश ने
इस ‘‘वीरों के सम्राट’’ को है जीवित माना
शान से प्रमोशन पाते-पाते
मेजर जनरल बन गया है देश का दीवाना
उसे बाबा जसवन्त है हमने माना
सीमा की रक्षा करता है आज भी
हर सैनिक ने है यह जाना
नूरानंग के इस मोर्चे पर एक सैनिक धाम है शोभित
जहाँ कुछ सैनिक सुबह-शाम करते हैं
मेजर जनरल बाबा जसवन्त की सेवा
तभी तो इस पावन धाम को कह रहा जग
‘‘जसवन्त गढ़’’ अनोखा-निराला
जसवन्त गढ़ के महाराजा
सदियों-सदियों याद रखेगा चीन तुझे बाबा
किस ‘‘विजेता’’ से पड़ा था उसका पाला।
(9)
पौड़ी गढ़वाल के
बर्यूँ गाँव का है यह ‘‘सैनिक-सम्राट’’
जिसकी आज तक नहीं मिली कोई काट
चौकीदार मोदी जी ने ठीक ही कहा
उत्तराखंड में है एक पाँचवाँ धाम
जिसे कहा जाए अदब से ‘‘सैनिक धाम’’
इसी सैनिक धाम के अन्दर
बल्कि यहाँ पौड़ी गढ़वाल के ही हैं
एक और शूरवीर बाबा
जिन्हे हम पुकारते हैं अजीत डोभाल
जिनके नाम से थर्राते हैं
पड़ोसी मुल्क जिहादिस्तान के लाल
यहीं के हैं एक और
देशभक्ति से ओत-प्रोत फौजी महान
जनरल विपिन रावत देश की शान।
(10)
जी हाँ दोस्तो
ऐसे बढ़ाई जाती है देश की शान
ऐ भारत जिद्द मत कर मेरी मान
देख मोदी युग में
तब के नेफा और आज के अरुणांचल प्रदेश में
बनकर तैयार होने वाली है एक जानदार
लम्बी सुरंग मजबूत और शानदार
ड्रैगनिस्तान (चीन) के नजरिए से दूरगामी
जिसे प्रधान चौकीदार ने दिया है
‘‘सेला-सुरंग’’ का नाम
वही सेला जिस वीरांगना ने
नौजवान जसवन्त की जी-जान से मदद की थी
ऐसे भरोसेमन्द चौकीदार को गाली देने वालो
खुद को देशद्रोहियों की कतार में मत डालो।
अजीत डोभाल पौड़ी गढ़वाल से
जनरल विपिन रावत पौड़ी गढ़वाल से
कर्मयोगी योगी जी पौड़ी गढ़वाल के
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी इसी गढ़वाल के
और भाजपा के स्टार प्रचारक सतपाल महाराज भी यहीं से
इन सभी को चुनाव के बाद ही सही
यह बात तो मान लेनी चाहिए
दिल्ली में नेशनल वार मैमोरियल की तर्ज पर
देहरादून में उचित जगह पर कहीं
‘‘उत्तराखंड वार मैमोरियल’’ स्थापित हो जाए
बाबा जसवन्त सिंह रावत का तरीके से मान हो जाए
प्रधान चौकीदार का ‘‘सैनिक-धाम’’ वाला मत साकार हो जाए
बाबा के गाँव में एक ‘‘सैनिक-स्कूल’’ का इन्तजाम हो जाए
बदरी-केदार प्रदेश पाँच धामों का प्रदेश बना दिया जाए
पर्यटन का आकर्षण यहाँ का बढ़ा दिया जाए।
जय भारत जय जवान जय किसान जय विज्ञान