
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
इसीलिए देशवासियो वहीं पर श्री राम मन्दिर चाहिए तत्काल
दुर्गा इन्दिरा का उपकार
सदियों-सदियों जय-जय-कार
सीमा पार से हो जब वार
जिहाद मचाए हाहाकार
आक्रोश के उठते दिल में ज्वार
शहादतों का सिलसिला अपार
दुर्गा इन्दिरा तेरा वह कयामती वार
जिहादिस्तान को मारी ऐसी मार
किए दो खंड भारत के आर और पार
1971 का ‘‘माई’’ तेरा वह दैवीय प्रहार
कर गई हम पर तू बड़ा उपकार।
जिहादिस्तान की कर गई तू ताकत आधी
खुली आँखों से देखी संसार ने तेरी आँधी
खुश हुए होंगे यकीनन स्वर्ग में महात्मा गाँधी
तू रुखसत हुई जब अम्बे
बदल गया सब कुछ जगदम्बे
जिस जिहाद ने कभी देश तोड़ा
वही जिहाद कश्मीर पर चला रहा हथौड़ा
1965 और 1971 का डरपोक भगोड़ा
1999 में भी वह जान बचाकर दौड़ा
धरती पर जिहादी कैन्सर का फोड़ा।
ऐ मौजूदा नेतृत्व हमारे
अम्बे इन्दिरा की रणनीति दोहरा ले
खतरों की आँखों में आँखें डाल
जिहादिस्तान का तोड़ दे मायावी जाल
दो-तीन बांग्लादेश दुनिया को तोहफे में दे-दे
इन्हे भी अत्याचारों से मुक्ति दे-दे
ड्रैगनिस्तान का भय दिल से दूर करके
कर गुजरो ऐसा जो जिहादिस्तान की छाती दरके
क्या करेंगे हम यों मर-मर कर जी के।
-जय भारत -जय इन्दिरा -जय जवान