पिथौरागढ़ (संवाददाता)। उत्तराखंड की लोकगायिका कबूतरी देवी का शनिवार को निधन हो गया है. कबूतरी देवी लम्बे समय से बीमार चल रही थी. कबूतरी देवी ने देश और दुनिया के मंच पर कुमाऊंनी लोक गीतों को पहचान दी थी. 70 के दशक में जब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थी तब कबूतरी देवी ने ऑल इंडिया रेडियो के जरिए कुमाऊंनी गीत-संगीत से दुनिया को रूबरू करवाया था. सत्तर के दशक में पिथौरागढ़ के बॉर्डर इलाके में बसे क्वीतड़ के निकलकर कबूतरी देवी ने अपनी आवाज के जादू से सबको चौंका दिया था. कबूतरी देवी ने लखनऊ और रामपुर ऑल इंडिया रेडियो में एक नहीं दर्जनों कुमाऊंनी गीत गाए थे. कबूतरी देवी लोकगीतों को जब अपनी खनकती हुई आवाज में गाती थीं तो सुनने वालों के पांव ठहर जाते थे. कुमाऊं की लोकगायिकी को एक मुकाम और पहचना देने ये गायिका उम्र के आखिरी दौर तक गाती रहीं. ये अलग बात है कि आर्थिक तंगी ने उन्हें ताउम्र परेशान किया था. इसके बावजूद लोककलाओं से प्यार करने वालों का उन्हें हर पल साथ मिला. बीते दो दिनों से पिथौरागढ़ जिला चिकित्सालय में भर्ती कबूतरी को हायर सेंटर भेजा जाना जरूरी था, लेकिन शासन-प्रशासन की हीला-हवाली से उनका दम निकल गया. जिस कारण लोककलाकारों ने उनके शव से साथ अपने गुस्से का इजहार भी किया. तमाम अभावों के बावजूद कबूतरी ने कुमाऊं की लोकगायिकी को जिस संजिदगी से संरक्षित किया था, उसके लिए उन्हें सदियों तक याद किया जाएगा. इसके साथ ही ये बात भी शायद ही भुलाई जा सकेगी कि हमारे हुक्मरानों ने कभी भी इस महान गायिका को वो सम्मान नहीं दिया, जिसकी ये असल हकदार थीं.
![folk singer of uttarakhand kabutri dev](http://thenationalnews.org/wp-content/uploads/2018/07/folk_singer_of_uttarakhand_kabutri_dev.jpg)