
अल्मोड़ा (संवाददाता)। विकासखंड मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत डढ़ोली में पिछले कई दिनों से ग्रामीण पेयजल को लेकर जूझ रहे हैं। निकटवर्ती गांव भौंरा, मायापुरी, गौचर आदि क्षेत्रों में भी लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। बुधवार को ग्रामीणों की आंदोलन की धमकी देने के बाद पेयजल किल्लत वाले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की गई। करीब आधे घंटे तक ही ग्रामीणों को पानी मिल सका। इससे ग्रामीण खफा हो गए। नाराज ग्रामीणों ने यदि ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं दिया गया तो वह आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उल्लेखनीय है कि गगास पेयजल पपिंग योजना से कुमांऊ इंजीनियरिंग कॉलेज के अतिरिक्त भूमि प्रभावित गांवों को 25 प्रतिशत पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर संस्थान के निर्माण के समय समझौता हुआ। लेकिन पेयजल योजना की अवधि पूरी होने के चलते आये दिन पेयजल योजना खराब हो जाती है। इससे ग्रामीणों को कई परेशानी होती हैं। क्षेत्र के गौचर, ब्लाक, पालीटेक्निक कॉलोनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को पेयजल दिया जाता है। लेकिन जीर्ण-शीर्ण योजना से पेयजल सुचारू नहीं होने से आये दिन गांव व इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं व स्टाफ के लोग प्रभावित रहते हैं। जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करता है। लेकिन ग्रामीण पेयजल के लिए परेशान रहते हैं। इधर, ढढोली के ग्रामीणों ने ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में विभाग द्वारा भूमि प्रभावित परिवारों को करार के अनुसार पेयजल नहीं दिया गया तो वह आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी बीरेन्द्र बजेठा, मनोज अधिकारी, ग्राम प्रधान अनिता बजेठा, वार्ड सदस्या रेनू बजेठा, रजनी, रेखा, भूपाल सिंह बजेठा, कुवंर सिंह बजेठा, जगत सिंह, गणेश पाल आदि मौजूद रहे।