
B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
जन सेवा समिति नहीं चाय सेवा समिति कहिए
जन सेवा समिति
तुम्हारी सुबह-सवेरे की देखकर चाय योग-साधना
करता हूँ मैं तुम्हारी आराधना
चाय सेवा समिति के नाम से तुम्हे पुकारना
तुम्हारी लगन और मुस्तैदी को जाँचना
काम लगता है मुझे बहुत सुहावना।
अब तो इस अनोखे चाय आन्दोलन में
तरह-तरह की मदद है मिलने लगी
आस की चिनगारी भी चमकने लगी
दो चार लोगों के दिल में लगन थी लगी
अब कईयों के मन में सुलग रही लगन वही
चाय आन्दोलन की सुगबुगाहट को उम्मीदों की लम्बी राह मिली
यही तो थी जन सेवा समिति की इच्छा दिली।
चाय आन्दोलन को बना दें हम सदाबहार
दून घाटी को दें दिल से उपहार
जीत के लिए न मानें हम कभी हार
दून घाटी लगनी चाहिए एक परिवार
जन सेवा समिति की रही है यही पुकार।
– जय भारत जय -जय, जन सेवा समिति का चाय आन्दोलन