जिहाद (मजहबी नफरत) से सुलगते जिहादिस्तान (पाकिस्तान) को ठंडा कर दो
कश्मीर की आग खुद-ब-खुद बुझ जाएगी
एक बार, महज एक बार, आर-पार कर दो
जिहाद का नशा उतर जाएगा
अगर चलते रहे चाल पुरानी
तो कश्मीर का जिहादी अकड़ेगा
हेकड़ी तोड़नी है इनकी तो इनकी जान निकाल दो
जिहादिस्तान (पाकिस्तान) को वीरान बना दो।
यह जिहादी मुल्क आई एस आई एस का शागिर्द है
समझ लो समय रहते
वर्ना ईद पर भी अपनो की लाशों पर मातम मनाओ
छोड़ दो दुनिया की राजनीति के पचड़े
उन्हें तुमसे हमदर्दी नहीं खुद से खुदगर्जी है
बाकी भारतीयो, तुम्हारा तो जिहाद से सदियों का नाता है
तुम्हें जिहाद से निपटना आता है
दुनिया के लिए होगा नया आई एस आई एस
तुम तो मोहम्मद गजनबी से लेकर औरंगजेब और जिन्ना तक झुलसे हो
वीर की इंतजा है अब तो सुधरो
झगड़े की जड़ जिहाद की रूह जिहादिस्तान को नक्शे से उड़ा दो।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)