देहरादून:समाज को जागरूक करने वालों की कोई उम्र नही होती, जरूरत होती है तो बस हौसलों की और एक लक्ष्य की। यह दोनों ही है जनपद देहरादून के इन दो युवाओं में जो समय-समय पर अलग अलग मुद्दों को जन -जन तक पहुँचाने को करते है मीलों का सफर। बहुराष्ट्रीय कंपनी की जनपद स्थित इकाई में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत अपूर्व सकलानी(28) व राष्ट्रीय स्तर पर साइकिलिंग में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र हिमांशु आनंद(22) समाज के विभिन्न मुद्दों को उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पहुचाने के लिए हर हफ्ते साइकिलिंग के जरिये मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाड़ों का सफर तय कर रहे है जिसमें मुख्य तौर पर यह दोनों पहाड़ों का रुख करते है जहां की जनता आज भी मैदानी क्षेत्रों की गतिविधियों से अनजान है।ग्रामीणों व स्थानीयों के लिए देहरादून के युवाओं द्वारा इस तरह से देहरादून से पहाड़ों व एक शहर से दूसरे शहर तक का सफर करना अक्सर हैरान करने वाला होता है । इनकी इस कोशिश से जहां दून का साइकिलिंग ग्रुप भी इन्हें प्रोत्साहित कर रहा है वहीं पहाड़ी क्षेत्रों के लोग भी हो रहे है इनसे प्रेरित ।
14 अगस्त को अपूर्व व हिमांशु द्वारा देश के लिए शहीद होने वाले सुरक्षाबल के जवानों को श्रद्धांजलि,स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व साइकिलिंग के फायदों,स्वच्छ भारत अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सुबह 4 बजे देहरादून से मसूरी- बाटाघाट-सुवाखोली-धनौल्टी-सुरकुंडा-चम्बा-नरेंद्रनगर-ऋषिकेश होते हुए वापिस देहरादून तक एक ही दिन में 16 घंटे में 200 किमी का सफर तय किया जिसमें से इन दोनों को आधा सफर 120 से 130 किमी खड़ी चढ़ाई के साथ तय करना पड़ा, व कई जगह ऑल वेदर रोड व बारिश के कारण टूटे हुए रास्तों पर से अपनी साईकलों को अपने कंधों पर उठा के भी चलना पड़ा। इन यात्रा के दौरान इन दोनों के द्वारा धनोल्टी में चल रहे स्वच्छ्ता अभियान में स्थानीयों व निगम कार्यकर्तों का हाथ बढ़ाया गया। नरेन्द्रनगर व चम्बा में युवाओं को साइकिलिंग के फायदे सहित गाड़ियों के बदले साईकल को स्वास्थ्य सहित पर्यावरण के नजरिये से एक बेहतर विकल्प के तौर पर अपनाने की बात भी साझा की जिसकी स्थानीय युवाओं ने भी प्रशंसा की।
हिमांशु आनंद राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का साइकिलिंग में प्रतिनिधित्व कर चुके है व राज्य स्तर पर जीत चुके है सिल्वर मेडल। अपूर्व जहां 2 सालों से व हिमांशु 3 सालों से हर सुबह मीलों का सफर तय कर लोगों को स्वास्थ्य रहने का संदेश दे रहे है वहीं हफ्ते में 1 बार दूर दराज क्षेत्रों की ओर रुख करते है व रास्ते में मिलने वाले लोगों को जहां साइकिलिंग के फायदे बता रहे है वहीं लोगों से साईकल पर चलने वाले लोगों को रास्ता देने,उनको अलग लेन देने को लोगों से कर रहे है गुजारिश।
अपूर्व व हिमांशु अब तक एक साथ ऋषिकेश, कालसी, पोंटा, हरिद्वार, जॉर्ज एवेरेस्ट, मसूरी जैसी जगहों का कर चुके है सफर तय
*अपूर्व सकलानी ने अभी तक का अपना सबसे लंबा सफर देहरादून से दिल्ली (261 किमी) व देहरादून-चकराता-देहरादून(180 किमी)का सफर तय किया है,जो दोनों ही एक-एक दिन में पूरी की गयी है।