Breaking News

एयूएस ने 32 हजार वर्ग किमी की ड्रोन मैपिंग के लिए सर्वे ऑफ इंडिया का बड़े पैमाने पर मैपिंग का पहला अनुबंध किया हासिल

देहरादून: एयूएस (आरव अनमैन्ड सिस्टम्स), ड्रोन संबंधी संपूर्ण समाधान मुहैया कराने वाले भारत के प्रमुख स्टार्ट-अप, ने सर्वे ऑफ इंडिया से बड़े पैमाने की एक मैपिंग का अनुबंध हासिल किया है। कंपनी इस परियोजना के तहत, हरियाणा के करीब 32 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र की मैपिंग के लिए प्रदेश में लगभग 44 ड्रोन तैनात करेगी और इस कार्य के क्रियान्वयन में लगभग 14 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। एयूएस खुद से तैयार किये गये सर्वेक्षण दर्जे वाले (सर्वे ग्रेड) ड्रोन्स को तैनात करेगा ताकि एकदम सटीक तस्वीरों को कैद किया जा सके जिन्हें बाद में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रोसेस किया जाएगा। इससे जमीन के रिकॉर्ड्स को डिजिटल बनाकर रेवेन्यू मैप्स एवं जीआइएस डेटाबेस को अपडेट करने में मदद मिलेगी।

यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसे किसी भी राज्य में बड़े पैमाने की मैपिंग के लिए सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया है। इससे पहले, एयूएस को पिछले साल सर्वे ऑफ इंडिया से स्वामित्व योजना के तहत 4 राज्यों में गांवों की मैपिंग के लिए 80 ड्रोन्स तैनात करने का अनुबंध मिला था। अभी तक, एयूएस ने लगभग 10 हजार गांवों की मैपिंग की है और उत्तराखंड में गांवों की मैपिंग के लिए अपने अनुबंध को सफलतापूर्वक पूरा भी कर लिया है।
एयूएस के सीईओ और संस्थापक विपुल सिंह ने यह परियोजना मिलने पर अपनी बात रखते हुए कहा, “एयूएस सर्वे ऑफ इंडिया से हरियाणा में बड़े पैमाने पर मैपिंग की इस प्रतिष्ठित परियोजना का अनुबंध हासिल कर काफी उत्साहित और गौरवान्वित हैं। इससे शहरी एवं ग्रामीण इलाकों दोनों के लिए सटीक रेवेन्यू मैप्स एवं जमीन के खण्डों के विकास में मदद मिलेगी। इस परियोजना से हरियाणा में परिवहन, सिंचाई, पीने योग्य पानी की आपूर्ति आदि के लिए महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे की योजना बनाने एवं इसकी डिजाइन तैयार करने में तेजी लाने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भूमि संबंधी रिकॉर्ड्स को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगा। चार राज्यों, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हमारी स्वामित्व परियोजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के बाद, यह सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से प्रदान की गई पहली बड़ी पैमाने की मैपिंग परियोजना है। एक कंपनी के रूप में हम बड़े पैमाने की प्रभावशाली परियोजनाओं के लिए सटीक, गहन और लागू किए जाने योग्य संपूर्ण समाधानों का निर्माण करते हैं।”

पिछले 3 वर्षों में एयूएस ने अलग-अलग प्रयोगों के लिए 50 लाख एकड़ के क्षेत्र का सर्वे किया है और विभिन्न सरकारी विभागों और टाटा स्टील और हिंडाल्को जैसे निजी उद्यमों की कई गंभीर समस्याओं का समाधान किया है।

एयूएस के विषय मेंः
एयूएस वर्ष 2013 में आईआईटी कानपुर में अपनी स्थापना के बाद से वाणिज्यिक अनुप्रयोग के लिए भारत में ड्रोन तकनीक विकास का नेतृत्व कर रहा है। एयूएस भारत में पीपीके जीपीएस-बेस्ड सर्वे ग्रेड वाले पूरी तरह से स्वायत्त ड्रोन बनाने और तैनात करने वाला पहला स्टार्ट-अप था। एयूएस छोटी श्रेणी के ड्रोन को डीजीसीए द्वारा प्रमाणित करने वाली पहली कंपनी भी है। एंटरप्राइज़-ग्रेड ड्रोन के लिए टेक्नोलॉजी बेंचमार्क और सीमाओं को आगे बढ़ाने के अलावा, एयूएस ने सर्वे-ग्रेड ड्रोन द्वारा एकत्र किए गए डेटा के सार्थक प्रभाव और मूल्यवर्धन को बढ़ाने के लिए डेटा संग्रह, प्रसंस्करण और विश्लेषण तकनीकों पर गहन रूप से काम किया है। एयूएस स्टार्टअप ऑक्सानो कैपिटल, कारसेमवेन फंड, स्टार्टअप एक्ससीड वेंचर्स, 3वन4 कैपिटल, ग्रोएक्स वेंचर्स, 500 ड्यूरियन और अशोक अतलुरी (ज़ेन टेक्नोलॉजीज के एमडी) आदि जैसे कुछ प्रसिद्ध अर्ली स्टेज के तकनीकी निवेशकों द्वारा समर्थित है।

Check Also

देहरादून: आकाश बायजू के 9 छात्रों ने जेईई मेन्स में किया टॉप

देहरादून :-  देहरादून के आकाश बायजूस के 9 छात्रों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन 2023 में  99 पर्सेंटाइल और उससे अधिक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *