हरिद्वार (संवाददाता)। लालढांग क्षेत्र के दुधला दयालवाला पंचायत में बारिश के पानी की निकासी न होने के चलते दर्जन भर किसानों की 50 बीघा से ज्यादा धान की फसल नष्ट हो गई है। साथ ही गन्ने की फसल पर भी जलभराव का असर देखने को मिल रहा है। दरअसल दुधला दयालवाला पंचायत गंगा नदी किनारे बसी है, जो बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनसील है। चारों ओर की वन भूमि पर बारिश के पानी की निकासी गांव से होकर गुजरती है। इस कारण बारिश का पानी कई दिनों तक किसानों खेतों में जमा रहता है। स्थानीय किसान रघुवीर सिंह, सर्वजीत सिंह, हेमराज सिंह, कुलबन्त सिंह, सरबन सिंह, विजेंदर रावत, कुलदीप सिंह, संदीप सिंह, मुख्तयार सिंह, सोम सिंह, प्रकाश सिंह आदि का कहना है कि जंगल से आने वाला बारिश का पानी किसानों के खेतों में आता है, लेकिन जल निकास न होने के कारण कई दिनों तक पानी खेतों में जमा रहता है। जल निकासी को बनी नाली भी बन्द पड़ी हुई है। जिस कारण लगभग 50 बीघा से ज्यादा धान और गन्ने की फसल नष्ट हो गई है। किसान मुआवजे की भी मांग कर रहे है।ग्राम प्रधान जगदीश सिंह का कहना है वन विभाग की भूमि का बरसाती पानी गांव में आने से बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। जिसके लिए वन विभाग से बरसाती पानी की रोकथाम का आग्रह किया गया है।वन क्षेत्राधिकारी रासियाबढ़ प्रदीप उनियाल का कहना है वन क्षेत्र के बरसाती पानी निकास को नाली कैनाल का निर्माण कराया गया है। लेकिन गांव की भूमि गहरी होने के कारण पानी खेतों में चला जाता है।
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