देहरादून (सू0वि0) । केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने देहरादून में आयोजित “इन्वेस्टर्स समिट” की सफलता के लिए राज्य सरकार को बधाई देते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर निवेशक सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन काबिलेतारीफ है। जैसे पृथ्वी शाॅ ने शतक लगाकर शानदार शुरूआत की वैसे ही मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat ने निवेशक सम्मेलन द्वारा उत्तराखंड में विकास की शानदार शुरूआत की है।केंद्रीय मंत्री श्री रानाथ सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था किसी भी देश व प्रदेश की रीढ़ होती है। इसे मजबूत करने के लिए अधिकतम निवेश की जरूरत होती है। उत्तराखण्ड में पर्याप्त प्राकृतिक व मानव संसाधन हैं। स्थायी सरकार है। निवेश के लिए सबसे बड़ी जरूरत बेहतर कानून व्यवस्था होती है। कानून व्यवस्था की दृष्टि से उत्तराखण्ड आदर्श राज्य है। यहां पर्यटन, एरोमा, योग, आयुष व वेलनेस की काफी सम्भावनाएं हैं। इनमें दुनियाभर से लोग यहां आ सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने इसे स्प्रिचुअल इको जोन ठीक कहा है। यहां के वातावरण में विशेष प्रकार की स्प्रिचुअल वाईब्रेशन है। उत्तराखण्ड के लोग बड़े मन के हैं। मन का बड़ा होना ही अध्यात्म है। राज्य सरकार जिस प्रकार से प्रयास कर रही है, उससे रिवर्स माईग्रेशन जल्द ही प्रारम्भ होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में अनेक बड़े संरचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 2030 तक भारत दुनिया की टाॅप तीन अर्थव्यस्थाओं में आ जाएगा। यहां आर्थिक अवसरों की विविधता दुनिया में सबसे ज्यादा है। जीएसटी भारत के लिए वरदान साबित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट में उद्यमियों व निवेशकों से उम्मीद से बढ़कर रेस्पोेंस मिला है। कुल मिलाकर 601 एमओयू हुए हैं। 1 लाख 20 हजार करोड़ रूपये से अधिक का एमओयू हुआ है। इस माह में और भी निवेशकों के प्रस्ताव मिलने वाले हैं। इन्वेस्टर्स समिट द्वारा प्रदेश के विकास का लॉन्चिंग पैड तैयार हो चुका है। वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड का अलग स्वरूप होगा। और शहीद राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप एक खुशहाल उत्तराखण्ड बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। हमें केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने कन्ट्री पार्टनर जापान व चेक गणराज्य के राजदूतों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने सिंगापुर के सूचना प्रसारण मंत्री का भी धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में प्रतिभाग करने आए उद्यमियों, निवेशकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सफल आयोजन के लिए इससे जुड़े सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी। उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी वाजपेयी ने न केवल उत्तराखण्ड का निर्माण किया था बल्कि इसे विशेष राज्य का दर्जा दिया और विशेष औद्योगिक पैकेज दिया। अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर औद्योगिक विकास का धरातल तैयार किया है। हम पूंजी निवेश के लिए जो वातावरण बना रहे हैं वो कहीं और नहीं मिल सकता है। रसना प्राईवेट लिमिटेड के चेयरमैन पिरूज खमबटा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने एक चुम्बक की तरह निवेशकों को आकर्षित किया। उन्होंने अहमदाबाद में रोड शो के दौरान जिस प्रकार पक्ष रखा उससे हमें लगा कि अगर इन्वेस्टर्स समिट में शामिल नहीं हुए तो बड़ा नुकसान हो जाएगा। इससे भी बड़ी बात है कि नीतियों के संबंध में जो सुझाव दिए गए उन पर काम भी किया गया और दस नई नीतियां बनाई गईं। इनमें कुछ नीतियां तो महाराष्ट्र व गुजरात में भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फूड प्रोसेसिंग की बहुत सम्भावनाएं हैं। एरोमा के द्वारा यहां के किसानों की आय काफी बढ़ाई जा सकती है। यहां के एरोमा को उत्तराखण्ड की खुशबु के तौर पर पहचान दिलाई जा सकती है। डिक्सान टेक्नोलॉजी के श्री सुनील वाचानी ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि समय आ गया है जब उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमी आगे आएं। एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डाॅ० असीम चौहान ने प्रदेश में स्कूल शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट व रिसर्च में काम करने की इच्छा जताई। भेल के एमडी श्री अनिल सोबती ने कहा कि भेल का उत्तराखण्ड से गहरा नाता है। यहां का पाॅलिसी फ्रेम वर्क, शानदार कनेक्टिविटी, पर्याप्त स्किल, समृद्ध संस्कृति, राजनीतिक इच्छा शक्ति निवेश को प्रोत्साहित करते हैं। सीआईआई के श्री सचित जैन ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां इस प्रकार का इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, आयुक्त उद्योग श्रीमती सौजन्या सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री मंजीत नेगी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘केदारनाथ से साक्षात्कार’’ का विमोचन भी किया।
Check Also
Monumentos incomuns e edifícios antigos
Nosso estado, como todos os países do planeta, é único em seus monumentos e estruturas …