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भारत भाग्य विधाता राम
होने को है उम्मीदों की शाम
आक्रमणकारी बाबर के सर पर था सवार आततायी इस्लाम
तहस-नहस किया मन्दिर को, अयोध्या में मचाया कोहराम
भारत की आत्मा पर बोला धावा, असहाय रह गए हनुमान अतुलित बलधाम।
असमंजस में गँवा दिये हमने पाँच सौ साल
हिन्दू का गौरव होता रहा सदियों से हलाल
मार बाँधकर बनाए जाते रहे, मुसलमान देश के लाल
मरता-खपता बँटता रहा हिन्दू, मजबूत हुआ जात-पात का जाल
झुका नहीं स्वाभिमानी हिन्दू जो, खींच दी शैतानों ने उसकी खाल
श्रीराम मन्दिर की अस्थियों से बनाई बाबरी मस्जिद, दंग रह गया साक्षात काल
माँ सरयू पूछ रही बिलख-बिलख कर बच्चो, कब सुलटोगे मनहूस इतिहास की गति-चाल
श्री राम चरण अनुरागी हिन्दू मन, मत पूछो कितना बदहाल।
ऐ अयोध्या परम पावन नगरी के साधु-सन्तो महान
आपके पावन चरणों में हम अर्पित कर देंगे जी-जान
मन्दिर-विरोधी, बाबरिया-रावण के राक्षस जन सब एक समान
श्री राम के अपमान को भूल पाना पूज्य सन्तो, पल भर को नहीं आसान
चली जाए तो जाने दो, हजारों हजार राम भक्तों की जान
श्री राम की मान-मर्यादा पर तो देश को भी कर देंगे बलिदान
भूत का साया भविष्य पर पड़े नहीं, सो बन जाएंगे एक-एक हनुमान
कष्ट काटे नहीं कट रहा श्री संतो, तिरपाल वास में जगतपति-जानकी बल्लभ श्री राम
लानत है जीवन पर भगवन्तो, मर्यादा पुरुष का सदियों से अटका पड़ा सबसे बड़ा काम।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)