चौदह सौ साल पहले जन्मे मजहब
तूने मेरी प्यारी भारती माता का
अंग भंग किया 1947 में
जिहादी उत्पात मचाकर।
चौदह सौ साल पहले जन्मे मजहब
तूने 1528 में मेरे आराध्य श्री राम के
सबसे अहम् पूजा स्थल का ध्वंस किया
माँ भारती का माथा नीचा करने के लिये
पावन नगरी अयोध्या में।
चौदह सौ साल पहले जन्मे मजहब
तूने भारत की सरहदों के भीतर
कितने ही मन्दिर ढहाए
उनकी पीठ पर अपने मस्जिद बसाए,
एक तरफ तू बुतपरस्ती का जानी दुश्मन होने का करता है वादा
दूसरी तरफ तू अयोध्या में करता है मस्जिद का दावा
अरे मस्जिद-मन्दिर भी तो बुत हैं बड़े-बड़े
फिर क्यों मस्जिद पर हो तुम अड़े।
चौदह सौ साल पहले जन्मे मजहब तू सदैव हमलावर-कब्जावर रहा
दस हजार साल से पहले जन्मा धर्म तुम्हे समझा रहा
भारत हिन्दुओं की बपौती सदा रहा
टाइटल सूट हो या श्रद्धा का हो मामला
अयोध्या का चप्पा-चप्पा हिन्दुओं का ही रहा
भारती माता को माता तुम मानते नहीं
फिर इस भू खंड से तुम हट क्यों जाते नहीं।
हे त्यागी-जोगी
भारती माता के कट्टर सेवक योगी
कश्मीर कब्जाने पर आमादा मजहब को आप समझाते क्यों नहीं
ये कितने हिस्से करेंगे मेरे देश के ये दुष्ट बताते क्यों नहीं
ये अपनी जिहादी हरकतों से बाज आते क्यों नहीं
आखिर कांग्रेस सपा बसपा इन्हे अपने कन्धों से नीचे गिराते क्यों नहीं
1528 में क्या बाबर सुप्रीम कोर्ट गया था
जो बाबर का गुनाह सुप्रीम कोर्ट निपटाएगा
योगी जी आप ही बतांए श्री राम मन्दिर कब बन पाएगा।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor(NWN)