देहरादून । प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के चलते आज सरकार ने छोटे ठेकेदारो को बर्बाद किये जाने के विरोध में राजधानी में अपने आंदोलन व कार्यबहिष्कार को जारी रखते हुए लोनिवि के प्रमुख अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। कहा कि जल्द ही उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन तेज किया जायेगा। वहीं उन्होंने सरकार को जगाने के लिए लैंसडाउन चैक पर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया और शासनादेश की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज किया। यहां ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष गोविन्द सिंह पुंडीर के नेतृत्व में ठेकेदार यमुना कालोनी स्थित लोनिवि के प्रमुख अभियंता कार्यालय पर इकटठा हुए और प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और कहा कि जल्द ही उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन तेज किया जायेगा। वहीं उन्होंने सरकार को जगाने के लिए दोपहर बाद लैंसडाउन चैक पर प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर शासनादेश की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज किया। उनका कहना है कि 4 अगस्त 2017 में आंदोलन किया था और 9 अगस्त को सरकार ने हमारी मांगो को जायज मानते हुए समर्थन किया था जिसमें मुख्यमंत्री की तरफ से काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, वित्त सचिव अमित नेगी के साथ प्रमुख आभियन्ता के मध्य 10 बिंदुओं पर सहमति जताई गई थी। उनका कहना है कि इस सहमति के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो चिंता का विषय है और आज छोटे ठेकेदारों को भूखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है, जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि इस सहमति में जिनमें पांच करोड़ तक के कार्यो में छोटे छोटे टेंडर लगाने, ई टेंडरिंग एवं पंजीकरण को पूर्व की भांति लगाने, सेज लागू होने से पूर्व के अनुबन्धों में सेज ना कतई जाए, सभी विभागों में लंबित भुगतान तुरन्त की दरें बढ़ाई जाए,समय वृद्धि,एक्स्ट्रा आइटम तथा वेरिएशन पूर्व जीबीडब्ल्यू 9 के अनुसार हो, ऑफलाइन भुगतान के समय का जमानती राशि का करोड़ों रूपये वापस हो, सिंचाई विभाग का 2013-2014 का लम्बित भुगतान तुरन्त करने सहित अन्य माँगे हैं। उनका कहना है कि सरकार से समय समय पर लगातार मिलते रहने के बावजूद इस मामले को टाला जा रहा है। जिससे ठेकेदारो में रोष बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि लगातार छोटे ठेकेदारों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है और बार बार आश्वासन दिये जाने के बावजूद आज तक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है जिससे छोटे ठेकेदारों में रोष बना हुआ है और अब उनके पास आंदोलन करने के अलावा कोई चारा शेष नहीं कर रही है। लगातार सरकार की ओर से वादाखिलाफी की जा रही है जिसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा और इसके लिए जनांदोलन की रणनीति तैयार कर ली गई। उनका कहना है कि वह आंदोलनरत है लेकिन सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने उनसे कोई मुलाकात तक नहीं की है, यह सरकार की उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है। अब आर पार का आंदोलन किया जायेगा। छोटे ठेकेदार भूखे मरने के कगार की ओर आ गए हैं। शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष गोविन्द सिंह पुंडीर, महासचिव राजेन्द्र सिंह कुंवर, धर्मपाल, डिबेश रमोला, राजेन्द्र मेहरा, राजेन्द्र नेगी, कुंदन सिंह बिष्ट, नैन सिंह पंवार, गजेंद्र सिंह, गौरव गुलेरिया, अजित रॉय, कमल पंवार, सापेक्ष शर्मा, नरेंद्र सिंह रावत, सुरेश पुंडीर,अरुण वालिया, अनुराग गुप्ता आदि ठेकेदार मौजूद थे।
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