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आक्रोशित किसानों का उग्र प्रदर्शन, 10 वाहनों में लगाई आग

 

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मंदसौर । पुलिस की कथित फायरिंग के बाद से मंदसौर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने 8-10 वाहनों में आग लगा दी। मंदसौर के डीएम स्वतंत्र सिंह जब हालात का जायजा लेने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि कहीं फायरिंग का आदेश नहीं दिया गया। हमने किसानों को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन सुनने में आ रहा है कि किसानों ने डीएम के साथ मारपीट की और उनके कपड़े भी फाड़ दिए। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी किसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वहां आने की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान मंदसौर के लिए निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को सुरक्षा के मद्देनजर लैंडिंग करने की इजाजत नहीं मिली। राहुल ने सुबह ही घोषणा कर दी थी कि वह मंदसौर किसानों का दर्द बांटने जाएंगे। भाजपा ने संकेत दिए हैं कि मंडसौर में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू से जब मंडसौर बिगड़े हालात पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश एक शांत जगह है। मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि वहां राजनीति न करें और किसानों के नाम पर हिंसा न फैलाएं। आग में घी डालने का काम ना करें।Ó बता दें कि मध्य प्रदेश में कर्ज माफी समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान मंगलवार को मंदसौर जिले में हिंसक हो गए। उन्होंने विभिन्न जगहों पर 18 ट्रक फूंक दिए। कई छोटे वाहनों में तोडफ़ोड़ की। आंसू गैस से भी काबू नहीं हो रहे किसानों पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इससे छह की मौत हो गई। हालात बेकाबू देख मंदसौर शहर में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया गया है। अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को राज्य सरकार ने दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। जिले में तीन दिनों से फैल रही अराजकता को हलके में लेना जिला और पुलिस प्रशासन को मंगलवार को भारी पड़ गया। बही चौपाटी पर वाहनों को फूंकते किसानों को काबू करने के लिए जब पुलिस और सीआरपीएफ की टीम पहुंची तो उनपर हमला कर दिया। ऐसे में उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद भी हालात नहीं संभले तो सुरक्षाबलों ने फायरिंग की। इसमें चार किसानों को गोली लगी। दो की मौत जिला अस्पताल में हुई। एक गंभीर रूप से घायल है। गोली चलने से करीब आठ किसान घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस से छिटपुट झड़प जिले में अन्य जगहों पर भी हुई, जहां चार अन्य किसानों की मौत की खबर है।
थाने में आग लगाने की कोशिश
फायरिंग में किसानों की मौत के बाद भीड़ और हिंसक हो गई। उसने जिलेभर में आगजनी की। हिंसक भीड़ ने सबसे पहले पिपलिया मंडी थाने में आग लगाने की कोशिश की। यहां एक मकान को भी फूंक दिया गया। उसके बाद दो और चौकियों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस ने नहीं चलाई गोलियां
गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गोलियां पुलिस ने नहीं चलाई, बल्कि असामाजिक तत्वों और षड्यंत्रकारियों ने चलाई। वहीं, मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री अर्चना चिटनीस ने घटना को सियासी साजिश बताते हुए मादक पदार्थ तस्करों और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बताया है।

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