पापा की प्यारी बिटिया तू
पापा का मान बढ़ाएगी
पापा की खाकी वर्दी पर तू
अपनी मेहनत के तमगे चमकाएगी
होनहार बिटिया तुझ जैसी
चाह, रहे आगे फिर कैसी?
तू उत्तराखंड की नाक जैसी
हर बिटिया हो तेरे जैसी।
कवि हृदय अफसर की बेटी
पाते कहाँ सब अफसर ऐसी बेटी
लगता है तेरे पापा की नेकी
किस्मत से हमने तुझमें है देखी
बेटी आगे चलती जाना
कदम-कदम तुम बढ़ती जाना
अपनी मेहनत और लगन से पाओगी
हम सब के आशीष का अनन्त खजाना।
उत्तराखंड की एक अनोखी बिटिया
पूरे देश को आचरण से यह बतलाना
हर बेटी के अन्दर छुपा है
ताकत का एक बड़ा खजाना
अवसर सबके लिये जुटाएं
मन से उनके बोझ हटाएं
हर बेटी की लाचारी को
हम आओ मिलकर, जड़ से मिटाएं
बिटिया चलो मिल जुल कर हम अपने
प्यारे भारत को स्वर्ग बनाएं
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के 21वीं सदी वाले सबसे मानवीय नारे से
भारत की धरती के कण-कण को जगमगाएं।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhugeewala)
Chief Editor (NWN)