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फेक न्यूज: वॉट्सऐप ने ठुकराई सरकार की मांग

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नई दिल्ली । वॉट्सऐप ने अपने प्लेटफार्म पर संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने से इनकार कर दिया है। सरकार ने कंपनी से इस तरह की प्रौद्योगिकी लगाने की मांग की थी, जिसे उसने ठुकरा दिया है। सरकार चाहती है कि वॉट्सऐप ऐसा समाधान विकसित करे जिससे फर्जी या झूठी सूचनाओं के स्रोत का पता लगाया जा सके। उल्लेखनीय है कि इस तरह की फर्जी सूचनाओं से देश में भीड़ की पिटाई से हत्या की घटनाएं हुई हैं। इस बारे में वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह का सॉफ्टवेयर बनाने से एक किनारे से दूसरे किनारे तक कूटभाषा (एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन) प्रभावित होगी और वॉट्सऐप की निजी प्रकृति पर भी असर पड़ेगा। ऐसा करने से इसके दुरुपयोग की और संभावना पैदा होगी। हम निजता संरक्षण को कमजोर नहीं करेंगे। वॉट्सऐप प्रवक्ता ने कहा कि लोग वॉट्सऐप के जरिए सभी प्रकार की संवेदनशील सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए निर्भर हैं। चाहे वह उनके चिकित्सक हों, बैंक या परिवार के सदस्य हों। प्रवक्ता ने कहा, हमारा ध्यान भारत में दूसरों के साथ मिलकर काम करने और लोगों को गलत सूचना के बारे में शिक्षित करने पर है। इसके जरिए हम लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान वॉट्सऐप के मंच से कई फर्जी सूचनाओं का प्रसार हुआ है जिससे भारत में भीड़ की पिटाई से लोगों की हत्या की घटनाएं हुई हैं। इसको लेकर कंपनी आलोचनाओं का सामना कर रही है।
वॉट्सऐप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स इसी सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले थे। प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा था कि सरकार ने वॉट्सऐप से स्थानीय कॉरपोरेट इकाई बनाने और जाली संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने को प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने को कहा है। हालांकि, इसके साथ ही प्रसाद ने फेसबुक की कंपनी वॉट्सऐप के भारत की डिजिटल कहानी में योगदान की सराहना भी की। बैठक के बाद डेनियल्स ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। देश में अगले साल आम चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। दुनियाभर में वॉट्सऐप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या डेढ़ अरब है। भारत कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है। यहां वॉट्सऐप का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ से अधिक है।

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