
देहरादून (संवाददाता)। पिछले 24 में हुई मसूलाधार बारिश से प्रदेश की सभी नदियों का जलस्तर बढने लगा है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा तक पहुंच रही है। जिससे तटीय क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को खतरा हो गया है। लोगों माथे पर चिंता की लकीरें फुटने लगी है। मंदाकिनी, पिंडर, अलकनंदा, गोरी, काली, शारदा और सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा को छूने लगी है। ऋषिकेश में में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट के मुख्य प्लेटफार्म तक गंगा का पानी पहुंच गया है। वहीं भारी बारिश से नैनीताल में झील का स्तर तीन इंच बढ़ गया है। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में दीवार गिरने की खबर है। पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी में पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आईं वनराजि महिलाएं घायल हो गईं। जिसमें से एक घायल महिला को धारचूला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। मलबा आने से टनकपुर-चम्पावत राजमार्ग भी शनिवार सुबह से बंद पड़ा है। कई वाहन व यात्री फंस गए हैं। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागड़ में मलबा आने से यह मार्ग भी बंद है। रुद्रपुर में देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया है। काशीपुर में ढेला नदी के तेज उफान से नदी में बना पुराना पुल टूट गया। नए पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है।