(1)
बीस वीर गलबान के
(गीत एवं कविता)
याद हमें आएंगे हर पल
बीस वीर गलबान के
लड़ते-लड़ते इन वीरों ने मार गिराए
चार-चार सैनिक सेना शैतान के।
पन्द्रह जून की आधी रात में दुश्मन ने छिपकर
हम पर हमला बोला था
कर्नल सन्तोष बाबू के घायल होते ही
एक-एक सैनिक का खून खौला था।
बस, फिर क्या था
माँ भारती के सपूत
बिजली बनकर दुश्मन पर टूट पड़े
उन्हीं के हथियार छीनकर उनसे
अन्तिम साँस तक जमकर लड़े।
कँटीले तार और लोहे के कील लगे डंडे लेकर
लाल सेना के सैनिक आए थे
हमारे सैनिक दुश्मन ने निहत्थे ही पाए थे
सोचा दुश्मन ने धोखे से
भारतीयों को धूल चटा देंगे
भारतीय सेना को मोर्चे से पीछे हटा देंगे।
कूद पड़े भारतीय वीर सब बनकर शोला
कुछ पल के लिए गलवान नदी बन गई थी आग का गोला
गलवान नदी के बर्फीले पानी में
इस तरह ध्वस्त किए दुश्मन ड्रैगन के क़ातिल मंसूबे-मैले
डुबा-डुबा कर मारा दुश्मन को अँधेरी रात की चढ़ती जवानी में।
पूर्वी लद्दाख में लगभग चौदह हजार फीट की ऊँचाई पर
सोलह बिहार रेजीमेन्ट के शूरवीरों का आक्रोश प्रलय पर था
दुश्मन के छल से खौल रहा बाजुओं का घायल बल था
माँ भारती के मान-सम्मान और गौरव का पल था
बीस ने अपने प्राणों की आहुति देकर
लगभग सौ को यमलोक पहुँचाया
एक बार फिर दुनिया को भारत के पराक्रम से अवगत करवाया।
कर्नल सन्तोष बाबू तेरी पलटन का कमाल है
दुश्मन देश के घर-घर में तेरे रौद्र रूप से आया भूचाल है
तेरे जैसे गलबानी सरदार ने मचाया वीरता का धमाल है
तेरा हर एक वीर सैनिक माँ भारती का लाड़ला लाल है
वीरगति पा गए जो उनका हमें बेहद मलाल है
लेकिन उनके बलिदानों का भी हमें भरपूर खयाल है
सोलह बिहार रेजीमेन्ट शूरवीरता से मालामाल है
पूरे देश का भारतीय वीरों ने उठाया ऊँचा भाल है
सरहदों पर आपकी हिम्मत देखकर दुश्मन बदहाल है
आपकी तनी भौहों में दुश्मन को नजर आता उनका काल है
पल-पल निगरानी में आपकी रह पाता देश खुशहाल है
अपना अकसाई छीनकर जल्दी ही वापस लेंगे
आपकी कुर्बानी को फिर भीगी आँखों से श्रद्धांजलि देंगे
तब तक गलवानी वीरो समझो हमारा दिल बेचैन-बेहाल है
भारतीय वीर सैनिक लड़ाको तुम्हारा कमाल है…….कमाल है
तुम्हारा देश प्रेम बेमिसाल है…………बेमिसाल है।
(2)
लाल तानाशाह के पाले में एक और शैतान
चलो अच्छा हुआ ईरान
तुमने अपने जिहादी तेवर दिखा दिए
तुम लाल तानाशाह की गोद में जा बैठे
चाबहार पर भारत का दामन छोड़ बैठे
ठीक है अब भारत स्वतंत्र है
तुम्हारे लिए तो इजराइल ही काफी है
वह तुम्हें समय-समय पर ठोकता रहेगा
हम खुलकर तेरे दुश्मनों से मित्रता निभा पाएंगे
तेल के लिए तुझ पर निर्भरता से खुद को आजाद कर पाएंगे
तू जिहादिस्तान और ड्रैगनिस्तान के पाले बैठ
हम तुम्हारे नेता ड्रैगन को उसकी औकात बताएंगे
दुनिया का नेता बनने का भूत उसके सर से उतारेंगे
तू कासिम सुलेमानी की मौत मारा जाएगा
तब तुझे भारत का याराना याद आएगा।
वैसे भी ड्रैगन के गुनाहों के चलते नया संसार रचाना है
उसकी एक-एक नस से दुनिया को वाकिफ कराना है
अपने देश में वह मुसलमानों का डीएनए बदल रहा है
दूसरे देशों के खिलाफ जिहादी-आतंक का ज़हर इस्तेमाल कर रहा है
पहले इसने दुनिया को अपने कोरोना वायरस से तड़पाया
अब अपने शैतानी अरमानों के लिए दुनिया को बाँट रहा है
इसे लगता है यह दुनिया का बादशाह बन जाएगा
पूरी दुनिया में कम्यूनिस्ट एजेंडा चलाएगा
किन्तु इसे पता नहीं ये अपने गुनाहों की ऐसी सजा पाएगा
हिटलर भी स्वर्ग में बैठा थर्रा जाएगा।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।