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आज सत्य की जीत-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

? *ऐतिहासिक फैसला*

? *ऐतिहासिक फैसलापर ऐत1992 को अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला

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देहरादून/ऋषिकेश (दीपक राणा) । 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में आज जो ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया, उस फैसले का स्वागत करते हुये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उसे ऐतिहासिक करार देते हुये कहा कि यह प्रभु का प्लान है, आज सत्य की विजय हुई।
बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में, जिन्हें आरोपी माना जा रहा था उन सभी को बरी कर दिया गया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने वहाँ उपस्थित भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। सीबीआई ने आज वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह जी, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी, साध्वी ऋतम्भरा जी, श्री चंपत राय जी, श्री रामविलास वेदान्ती जी, सतीश प्रधान जी और अन्य सभी आरोपियों बरी कर दिया गया।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैैसला है, मुझे तो लगता है आज षडयन्त्र विफल हुआ और सत्य जीता। बाबरी मस्जिद को ढहाए जाना कोई प्री प्लान नहीं था, ये प्रभु प्लान था, पूर्व नियोजित था बल्कि प्रभु आयोजित था। उन्होने कहा कि सत्य को परेशान तो किया जा सकता है पर न तो पराजित किया जा सकता है न ही परास्त किया जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि केवल सत्य, सत्य होता है, सत्तायें कई बार पड़यन्त्र रचती हैं, साजिशें रचती हैं, प्रतिशोध के पथ पर चलती हैं पर सत्य की यात्रा तो शोध की यात्रा है सत्य की यात्रा है, श्री राम की यात्रा है। रामो विग्रहवान धर्मः श्री राम जन्मभूमि मन्दिर तो भव्य निर्माण की औरं है आईये अब सब मिल कर राष्ट्र निर्माण में जुट जायें। 28 वर्ष तक जिन्होंने आरोपी होने का दंश झेला आज वे सब सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। उन सबकी सत्य साधना को भी नमन, आज के इस ऐतिहासिक फैसले को मैं संविधान जीत मानता हूँ। इस ऐतिहासिक फैसले के लिये सीबीआई को भी धन्यवाद देता हूँ।

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