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स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर होगा फोकस: सीएम

-राज्य सरकार और यूनिसेफ नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए मिलकर चलाएंगे जन-जागरूकता अभियान

-मुख्यमंत्री को अभियान हेतु यूनिसेफ ने 1100 से अधिक संचार उपकरण सौंपे

-ग्राम सभाओं, हाट बाजारों में इन उपकरणों के माध्यम से लोगों को उन्हीं की भाषा में दी जाएगी जानकारी

-प्रथम चरण में प्रदेश के 80 विकासखण्डों में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान: 50 लाख नागरिकों तक पहुचने का लक्ष्य

रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार और यूनिसेफ नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए मिलकर जन-जागरूकता अभियान चलाएंगे। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर फोकस होगा। इस अभियान के लिए यूनिसेफ द्वारा आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके निवास कार्यालय में 1100 से अधिक संचार उपकरण, जिनमें पिको प्रोजेक्टर, ज्यूक बॉक्स और मेगाफोन शामिल हैं, सौंपे गए। इन उपकरणों का उपयोग कर ग्राम सभाओं, हाट बाजारों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्वास्थ्य केन्द्रों में लोगों को उन्हीं की भाषा में ऑडियो-विजुअल माध्यम से जानकारी दी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग योजनाओं का लाभ ले सकें। प्रथम चरण में प्रदेश के 80 विकासखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में इस अभियान के माध्यम से 50 लाख लोगों तक पहंुचने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण और टीकाकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग के लिए यूनिसेफ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी अभियान में संचार सुविधाएं जितनी बेहतर होती हैं, उसकी सफलता की गारंटी उतनी अधिक हो मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मे दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहंुचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें 455 मेडिकल मोबाइल यूनिट के माध्यम से अब तक 40 लाख मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनिमिया में अंकुश लगाने में सफलता मिली है। मलेरिया मुक्त अभियान से बस्तर अंचल में मलेरिया के मामलों में 65 प्रतिशत तक कमी आई है। मुख्यमंत्री बघेल ने यूनिसेफ द्वारा प्रदान किए गए संचार उपकरण कोविड टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए यूनिसेफ द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे ’रोको अउ टोको’ अभियान के स्वयंसेवकों और जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों को प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ’रोको अउ टोको’ अभियान की काफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। राज्य सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से प्रदेश के 80 विकासखण्डों के दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, पोषण, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी उनकी भाषा में ऑडियो-विजुअल माध्यम से पहुंचाई जाएगी, ताकि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोग बेहतर ढंग से उठा सकें। संचार उपकरणों के माध्यम से 50 लाख की जनसंख्या तक पहंुचकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं और उनके लाभों तथा अधिकारों के बारे में जागरूक करने का लक्ष्य है। प्रदेश के 80 विकासखण्डों के लिए 720 मेगाफोन, 114 पिको प्रोजेक्टर, 300 ज्यूक बॉक्स प्रदान किए गए हैं। यूनिसेफ द्वारा सौपे गए संचार उपकरणों पिको प्रोजेक्टर, ज्यूक बॉक्स और मेगाफोन का उपयोग ग्राम सभाओं, हाट बाजारों, आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान किया जाएगा। संचार उपकरणों का उपयोग फ्रंटलाइन वर्कर, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों और स्वयंसेवी नेटवर्कों द्वारा जागरूकता संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए किया जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग तथा मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद, संचालक जनसम्पर्क सौमिल रंजन चौबे, यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकरिया, यूनिसेफ के एसबीसी स्पेशलिस्ट अभिषेक सिंह और कंसल्टेंट चंदन कुमार भी उपस्थित थे।


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