Breaking News
ram ram ji

राम चरण रज जो कोई पूजा, समझदार वैसा नहीं दूजा

ram ram ji

gaur

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)

श्री राम मन्दिर के रोड़े इनको मारो जमकर कोड़े

बरस पाँच सौ बीतन आए
बाबर से बदला नहीं ले पाए
निपटे मुगल फिरंगी भागे
हम भारतीय नींद से नहीं जागे
बन्धु क्या कहें अब आगे
मर्यादा के छिन्न-भिन्न हैं धागे
रह गए हम आज भी अभागे।
राम रहे मन-प्राण हमारे
जीते जी गए बनवास जनता के दुलारे
अब तिरपाल तले खड़े हैं बेचारे
माँ कौशल्या की आँखों के तारे
इस देश को गर्त से कौन उभारे
बाहर से आए लुटेरे बंजारे
हम ऐसे क़ातिलों से हारे
कहते हो अब आजाद हो प्यारे
श्री राम मन्दिर की राह पर बैठे हो साँप सी कुंडली मारे
आर-पार कर गुजरो प्यारे
धीरज-धरम का बहुत अपमान हुआ रे।
                                      -जय भारत

Check Also

En çok kazandıran slot oyunlarının listelendiği sayfalardan biri Mariobet giriş adresi

En çok kazandıran slot oyunlarının listelendiği sayfalardan biri Mariobet giriş adresi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *